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मेडाज़ हॉस्पिटल ने 65 वर्षीय दलित महिला को बना रखा है बंधक, बेटा DM और स्वास्थ्य मंत्री से छुड़ाने के लिए लगा रहा है गुहार

मेडाज़ हॉस्पिटल ने 65 वर्षीय दलित महिला को बना रखा है बंधक, बेटा DM और स्वास्थ्य मंत्री से छुड़ाने के लिए लगा रहा है गुहार

PATNA : पैसे के भुगतान को लेकर अक्सर प्राइवेट अस्पताल की संवेदनाएं खत्म हो जाती है। अपनी पूरी जमा पूंजी लूटाने के बाद भी कई बार अस्पताल वाले मरीजों को तब तक डिस्चार्ज नही करते या यूं कहें कि बंधक बनाकर रखते हैं जब तक कि बाकि राशि जमा नहीं हो जाती है। पटना के मेडाज अस्पताल में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां इलाज में दस लाख से अधिक खर्च करने के बाद भी महिला मरीज को सिर्फ इसलिए बंधक बना कर रख लिया गया कि क्योंकि परिजन कुछ पैसा जमा कर पाने में असमर्थ हो गए थे। अब महिला मरीज के बेटे ने अपनी मां को अस्पताल के बंधन से मुक्त कराने के लिए पटना डीएम और स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाई है।

यह है पूरा मामला 

दरअसल, पटना के अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाली 65 वर्षीय वीना देवी के सर पर चोट लगने से बेहोश हो गई थीं। बीते 1 अप्रैल 2022 को इलाज के लिए मेडाज़ हॉस्पिटल, विस्कोमान कॉलोनी पटना में भर्ती हुई थी। हॉस्पिटल ने ऑपरेशन किया था लेकिन दो महीना बीत जाने के बाद भी मरीज को होश नहीं आया है। 


सब कुछ बेच दिया, लेकिन नहीं मिला सही इलाज

मरीज का बेटा शिवशंकर राम जो निजी स्कूल में गार्ड की नौकरी करता है। वो अपनी मां के इलाज के लिए अपनी पत्नी और बच्चों का गहना तक बेच दिया है। फिर भी उसकी मां की हालत नाजुक बनी हुई है। अबतक कोई सुधार नहीं आया है। वो अपनी मां को मेडाज़ हॉस्पिटल से अब डिस्चार्ज करा कर दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहता है। 

उन्होंने मेडाज़ हॉस्पिटल के मालिक डॉ जेड आजाद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि डॉ आजाद उनकी माँ को डिस्चार्ज नही कर रहे है। उन्होंने मरीज को बंधक बना कर रख लिया है।और जबरन 1 लाख 80 रुपया का भुगतान करने को कह रहे हैं। भुगतान नही करने पर FIR कर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।

मरीज का बेटा शिवशंकर राम ने बताया है कि इन दो महीना में मेडाज़ हॉस्पिटल को ICU चार्ज के नाम पर 5 लाख 84 का भुगतान कर चुके हैं। दवा के लिए तकरीबन 4 लाख रुपया से ज्यादा का भुगतान अलग से किया है। अब उनके पास पैसा नही है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बिहार और जिला प्रशासन से हाथ जोडकर विनती की है कि उनकी मां को मेडाज़ हॉस्पिटल के चुंगुल से आजाद कराया जाए।

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