अरबों रुपए के खनन घोटाला आरोपी हुए भाजपा में शामिल, भ्रष्टाचार में घिरे नेता का संकल्प, तीसरी बार बनवाएंगे मोदी सरकार

अरबों रुपए के खनन घोटाला आरोपी हुए भाजपा में शामिल, भ्रष्टाच

DESK. खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी ने रविवार को भाजपा में अपनी पार्टी का विलय कर लिया. करोड़ों रुपए के खनन घोटाले में वर्षों जेल में बिता चुके और भाजपा के खिलाफ सियासी ताल ठोकने वाले जनार्दन रेड्डी ने अब संकल्प लिया है कि वे देश में लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार बनवाएंगे. दरअसल, खनन कारोबारी और कर्नाटक राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) के इकलौते विधायक जी जनार्दन रेड्डी ने  सोमवार को भाजपा में अपनी पार्टी का विलय कर लिया. बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा, "जी जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. यह उनका अच्छा फैसला है. इससे हमारी पार्टी मजबूत होगी, हम सभी 28 लोकसभा सीटें जीतेंगे."

केआरपीपी संस्थापक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपने समर्थकों से सलाह लेने के बाद मैंने यह फैसला लिया।  रेड्डी ने कहा कि वह बेल्लारी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बी श्रीरामुलु का समर्थन करेंगे। पूर्व मंत्री श्रीरामुलु 2023 में बेल्लारी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव हार गए थे। जनार्दन रेड्डी बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मंत्री थे और खनन घोटाले में जेल गए थे। बाद में वह भाजपा से अलग हो गए थे और केआरपीपी का गठन किया था। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में जनार्दन रेड्डी ने अपने दो भाइयों जी करुणाकर रेड्डी और जी सोमशेखर रेड्डी की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो क्रमशः हरपनहल्ली और बेल्लारी शहर से भाजपा के उम्मीदवार थे।जनार्दन रेड्डी ने अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी को बेल्लारी शहर में अपने भाई और भाजपा उम्मीदवार सोमशेखर रेड्डी के खिलाफ मैदान में उतारा। वहां से कांग्रेस उम्मीदवार नारा भरत रेड्डी की जीत हुई थी। जनार्दन रेड्डी ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था। 

सबसे कुख्यात खनन घोटाला : सीबीआई ने कर्नाटक में हुए खनन घोटाले को "अब तक का सबसे कुख्यात खनन घोटाला" कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2015 में रेड्डी को जमानत दी. बाद में दिसंबर 2022 में बीजेपी के साथ अपने दो दशक पुराने रिश्ते को तोड़ते हुए नई पार्टी बनाई थी. खनन घोटाले में कथित भूमिका के लिए रेड्डी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जिसको बाद वो 12 साल तक राजनीतिक रूप से एक्टिव नहीं थे. जनार्दन रेड्डी सूबे में कई सालों तक बीजेपी से जुड़े रहे, लेकिन 2011 में अवैध खनन और भ्रष्टाचार मामले में कथित संलिप्तता के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. 

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 सुषमा स्वराज के लिए प्रचार : जनार्दन रेड्डी तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के लिए अपने भाइयों के साथ प्रचार किया, जब वह बेल्लारी से सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ी थीं. 2006 में रेड्डी को बीजेपी ने कर्नाटक विधान परिषद का सदस्य बनाया था. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव में बीएस येदियुरप्पा के साथ अहम भूमिका निभाई थी, जिसने बीजेपी के लिए पहली बार दक्षिणी राज्य में सरकार बनाने का रास्ता साफ किया था.

भाजपा में शामिल होने के बाद जनार्दन रेड्डी ने कहा, ''देशहित में और पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने में समर्थन देने के लिए, मैं बीजेपी में शामिल हो गया हूं. मैं अपने घर वापस आ गया हूं...पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निभाऊंगा.'' मैं सबके लिए प्रचार करूंगा.