PATNA : प्रदेश के खनन विभाग के नाक के नीचे ही बालू घाटों पर सीसीटीवी को बंद कर धड़ल्ले से अवैध खनन का कार्य किया जा रहा था। इसकी पुष्टि खुद विभाग ने जांच के बाद की, जब कई बालूघाटों पर लगाए गए सीसीटीवी को बंद पाया गया। जिसके बाद अब भोजपुर, पटना सहित बिहार के 12 जिलों में 42 घाटों पर खनन का कार्य बंद करने का आदेश दिया गया है। राज्य में पहली बार राज्य मुख्यालय से इस तरह की कार्रवाई होने के बाद लापरवाही करने वाले बालू घाट ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है।
राज्य मुख्यालय से हुई कार्रवाई के अनुसार इन सभी बालू घाटों पर पांच जून की दोपहर जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरा बंद पाया गया। इसकी जानकारी विभागीय कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद हुआ। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खनन विभाग के सचिव ने पटना, गया, भोजपुर, औरंगाबाद और सारण समेत 12 जिला में 42 घाटों पर तत्काल प्रभाव से ई चालान, सीसीटीवी कैमरा चालू होने तक बंद करने का निर्देश दिया गया है।
इन बालू घाटों पर खनन किया गया बंद
जिन बालू घाटों पर कार्रवाई हुई है उनमें भोजपुर जिले के बालू घाट संख्या छह, 11, 16, 19, 23 एवं 37 है। उसी तरह पटना जिले के बालू घाट संख्या एक, तीन, सात, दस एवं 13, गया जिले का सात, आठ, 19, 25, 27, 42, 11, 12 एवं 13, किशनगंज जिले का घाट संख्या एक और तीन घाट कलस्तर पांच के, लखीसराय का एक एवं आठ, जमुई का घाट संख्या एक, 13, दो, चार, आठ, तीन, 13 और एक है। इसके साथ ही नवादा में बालू घाट संख्या सात, अरवल, सहरसा, सारण, औरंगाबाद और बांका का एक एक घाट शमिल है।
कैमरा चालू होने तक नहीं कटेगा ई-चालान
जिसका ई चालान तत्काल प्रभाव से काटना बंद कर दिया गया है। इन सभी को चेतावनी दी गई है कि जब तक सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं होगा बालू खनन इन सभी घाटों पर बंद रहेगा। राज्य मुख्यालय से इसकी रिपोर्ट जिला के खनिज विकास पदाधिकारी से मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद दोबारा इन सभी बालू घाटों को चालू किया जाएगा।