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बिहार और केन्द्र की सियासत फंसे दरभंगा एम्स निर्माण के लिए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने शुरू किया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

बिहार और केन्द्र की सियासत फंसे दरभंगा एम्स निर्माण के लिए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने शुरू किया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

DARBHANGA - बिहार का दूसरा एम्स निर्माण को लेकर सोमवार से मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने डीएमसीएच के परिसर में, जहां प्रस्तावित दरभगा एम्स का निर्माण स्थल पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। जिससे दरभंगा की राजनीतिक गलियां में चहल-पहल काफी बढ़ गई है। बता दे कि जिस वक्त बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार थी। उस वक्त इसी DMCH के 200 एकड़ जमीन पर एम्स का निर्माण होना था। जिसको लेकर केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी और बिहार सरकार ने 81 एकड़ जमीन का ग्रीन फील्ड भी दे दिया। उसी क्रम में बिहार में सियासी उलट फेर के कारण भाजपा और जदयू की डबल इंजन की सरकार टूट गई और बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई। जिसके बाद दरभंगा एम्स का निर्माण सिर्फ राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गया।

वहीं दरभंगा एम्स को लेकर हो रही राजनीति और सरकार की तरफ से किसी प्रकार की ठोस नतीजा नही निकलने से परेशान, दरभंगा के मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने सरकार के खिलाफ बिगुल फुकते हुए डीएमसीएच परिसर में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया। वही आंदोलनकारीयो का आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं अभिषेक झा ने कहा कि 2015 में दरभंगा एम्स सहित देश के कई राज्यो में एम्स निर्माण की घोषणा होती है। कई राज्यों में पढ़ाई के साथ इलाज शुरू हो गया। लेकिन दरभंगा एम्स के लिए एक ईंट अभी तक नहीं गिर सका।

वर्ष 2020 में हमलोगों ने एक मुहीम चलाया था। जिसमे हम लोगों ने घर-घर से एक लेंगे और दरभंगा एम्स बनाएंगे। जिसपर राज्य सरकार और केंद्र सरकार जागती है और यहां पर मिटटी भराई की काम शुरू होता है। एम्स आंदोलन को लेकर जब हम लोग प्रतिबद्ध होते हैं तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार जागती है। जैसे ही कुछ दिन बीतता है। दरभंगा एम्स का मामला शांत हो जाता है। इस बार मिथिला स्टूडेंट यूनियन एम्स को लेकर प्रतिबंध है। जब तक काम चालू नहीं चालू होगा। तब तक हम लोग उठने वाले नहीं हैं। हम लोग का एक ही मांग है दरभंगा में एम्स का निर्माण जल्द से जल्द हो। 

गौरतलब है कि दरभंगा एम्स का निर्माण DMCH परिसर में नहीं हो। इसके लिए दरभंगा डॉक्टर एसोशियेशन एक पार्टी के जिला अध्यक्ष के साथ मिलकर षड्यंत्र रच कर वर्तमान में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर एम्स निर्माण कार्य इस स्थल पर ना हो। इसके लिए जमकर पहल किया और कहा कि प्रस्तावित स्थल पर एम्स निर्माण होने से दरभगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। 

जिसके बाद सरकार ने दरभंगा एम्स निर्माण की जमीन शहर से 7 किलोमीटर दूर शोभन बाईपास में दिया। जिसे केंद्र से आई एम्स निर्माण टीम ने सर्वे के दौरान बाढ़ क्षेत्र के नाम पर अस्वीकृत कर दिया। वही दरभंगा एम्स को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होता देखकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने सोमवार से अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अब देखना है कि इस राजनीतिक नेताओं की आपसी बर्चस्व की लड़ाई के बीच दरभंगा एम्स के समाधान निकल पाता है कि नही।


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