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मोदी सरकार का बड़ा फैसला:मदरसों में पढ़ाया जाएगा गीता, रामायण और वेद, पाठ्यक्रम में शामिल हुआ संस्कृत

मोदी सरकार का बड़ा फैसला:मदरसों में पढ़ाया जाएगा गीता, रामायण और वेद, पाठ्यक्रम में शामिल हुआ संस्कृत

DESK : मोदी सरकार अब मदरसों में भी पढ़ाएगी गीता, रामायण ,संस्कृत और योग ।जी हां यह खबर बिल्कुल पक्की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मदरसों में प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपरा को लेकर नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। यह पाठ्यक्रम 100 मदरसों में लागू किया जाएगा। मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग एनआईओएस ने यह बड़ा निर्णय लिया है ।

100 मदरसों में शुरू किए जाएंगे नए पाठ्यक्रम

अब 100 मदरसों में नए पाठ्यक्रम के तहत रामायण, गीता, वेद ,योग ,विज्ञान और संस्कृत भाषा की पढ़ाई शुरू की जाएगी। एनआईओएस ने कक्षा 3, 5 और 8 के लिए बेसिक कोर्स बनाया है। बता दें कि एनआईओएस ने कुल 15 कोर्स तैयार किए हैं जिसमें रामायण, गीता, वेद ,योग सहित अन्य चीजें भी शामिल हैं ।गौरतलब है कि यह सभी कोर्स प्रारंभिक शिक्षा के बच्चों के लिए है। टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार एनआईओएस के चेयरमैन सरोज शर्मा का कहना है कि "हम इस तरह के कार्यक्रम  100 मदरसों में शुरू कर रहे हैं। भविष्य में हम इसे 500 मदरसों तक पहुंचाएंगे" । 

वहीं केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को नोएडा स्थित एनआईओएस के केंद्रीय मुख्यालय में स्टडी मैटेरियल जारी किया है। उन्होंने इस दौरान कहा "भारत प्राचीन भाषाओं विज्ञान कला संस्कृति और परंपरा की खान है अब देश अपनी प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करके ज्ञान के क्षेत्र में सुपर पावर बनने को तैयार है हम इन कोर्स के लाभ को मदरसों और विश्व में मौजूद भारतीय समाज तक पहुंचाएंगे"। गौरतलब है की शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एनआईओएस दो राष्ट्रीय बोर्ड में से एक है जो प्राइमरी सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर के कोर्स ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए कराता है।

एनआईओएस ने अपने कोर्स में गीता ,रामायण , योगसूत्र ,सूर्य नमस्कार ,आसन ,प्राणायाम, पतंजलि कृता सूत्र सहित तनाव दूर करने वाले व्यायाम और स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले व्यायाम भी शामिल किए हैं ।इतना ही नहीं इसके कोर्स में विज्ञान से संबंधित जल, वायु ,वेद, पृथ्वी उत्पत्ति के सूत्र, प्राणायाम सहित कई विषय शामिल हैं ,ओपन एजुकेशन सिस्टम के तहत छात्र इसका चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं यह अनिवार्य नहीं है। वही एनआईओएस के असिस्टेंट डायरेक्टर शोएब रजा खान ने बताया है कि यह पाठ्यक्रम सबके लिए है लेकिन चुनने की स्वतंत्रता है।


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