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पटना में निगरानी की टीम ने आवास सहायक और वार्ड सदस्य को दबोचा, क़िस्त भुगतान के लिए 12 हज़ार मांगी थी रिश्वत

पटना में निगरानी की टीम ने आवास सहायक और वार्ड सदस्य को दबोचा, क़िस्त भुगतान के लिए 12 हज़ार मांगी थी रिश्वत

PATNA : धनरूआ प्रखंड मुख्यालय के गेट के पास सोमवार की शाम कुछ देर के लिये अफरा तफरी का माहौल हो गया। आसपास के लोग कुछ समझ पाते उसके पहले निगरानी अन्वेषण ब्यूरों पटना की एक टीम ने आवास सहायक व एक वार्ड सदस्य को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया और उसे लेकर वहां से तुरंत निकल गये। 


इधर निगरानी की टीम गिरफ्त में लिये गए आवास सहायक रुपेश कुमार व वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा को लेकर पटना चली गयी। टीम का नेतृत्व कर रहे निगरानी के पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार जयसवाल व विमलेन्दु कुमार गुलशन ने बताया कि दोनों को निगरानी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया जायेगा। जानकारी के अनुसार धनरूआ प्रखंड के धनरूआ पंचायत स्थित वार्ड पांच के निवासी अखिलेश पासवान ने बीते 24 अगस्त को निगरानी अन्वेषण ब्यूरों पटना में शिकायत दर्ज करायी थी कि आवास योजना के तीसरी किस्त देने के एवज में वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा व आवास सहायक रुपेश कुमार के द्वारा 15 हजार रूपये देने का दबाब दिया जा रहा है। 

उन्होने यह भी शिकायत की थी कि उन्होने स्पष्ट तौर पर चेतावनी के लहजे में कहा था कि जब तक 15 हजार नही दे देते हो तब तक पैसा नही जायेगा। हालांकि बाद में 12 हजार रूपये में मामला तय हो गया। अखिलेश पासवान की शिकायत के आलोक में निगरानी के आरक्षी मोहन कुमार पांडेय ने बीते शनिवार को धनरूआ पहुंच इसकी जांच की तो मामला सत्य पाया। उनके रिपोर्ट के बाद निगरानी के पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार जयसवाल व विमलेन्दु कुमार गुलशन के नेतृत्व में 12 सदस्यीय एक धावा दल का गठन किया गया। 

गठित टीम सोमवार की दोपहर प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने पटना-गया स्टेट हाईवे-1 के पास मौजूद थी। उधर योजना के मुताबिक अखिलेश पासवान प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के पास पैसा लेकर गया और वहां मौजूद वार्ड सदस्य अवधेश वर्मा के हाथ में 12 हजार रूपया दे दिया। वार्ड सदस्य उसमें से चार हजार रूपये खुद रखते हुये शेष आठ हजार रूपये आवास सहायक रुपेश कुमार के हाथों में थमा दिया। बस निगरानी को जिस वक्त का इंतजार था वह उसके सामने आ गया और टीम मौके से ही दोनों को दबोच ली। हालांकि इस दौरान गिरफ्तार दोनों के द्वारा टीम के साथ जबर्दस्ती की गयी। लेकिन निगरानी के आगे उनकी कुछ नही चल पायी और टीम अपनी गाडी पर बिठाते हुये दोनों को लेकर वहां से निकल गई। टीम में पुलिस उपाधीक्षक के अलावे पुलिस निरीक्षक अनिल कुमार, मुरारी प्रसाद एवं उमाशंकर सिंह एवं अवर निरीक्षक गणेश कुमार व धर्मवीर प्रसाद समेत अन्य लोग शामिल थे।

पटना से सुजीत कुमार की रिपोर्ट 

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