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सलाह का सिलसिला जारीः 'टीकाकरण' पर सांसद सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को दी एक और बड़ी सलाह, जानें.....

सलाह का सिलसिला जारीः 'टीकाकरण' पर सांसद सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को दी एक और बड़ी सलाह, जानें.....

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार को बड़ी सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि 18 साल की उम्र पार के लोगों के टीकाकरण के लिए विदेशी वैक्सीन आयात के विकल्प भी बिहार खुला रखे। इसके पहले सुशील मोदी ने सरकार को सलाह दी थी कि सम्पन्न लोगों को कोरोना वैक्सीन के मूल्य चुकाने का सरकार विकल्प दे। ऐसा करने से गरीबों के लिए साधन बढ़ेंगे.

ग्लोबल टेंडर का विकल्प खुला रखे बिहार

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सेरम इंस्टीच्यूट ने कोविशील्ड के दाम कम कर दिये, जिससे यह वैक्सीन अब  400 रुपये की जगह 300 रुपये प्रति वाइल की दर से राज्यों को मिलेगी। इससे राज्यों पर दबाव कम होगा।पहली मई से 18 पार के लोगों का कोरोना टीकाकरण करने की जरूरतों को देखते हुए बिहार सरकार को केवल भारत मे निर्मित वैक्सीन पर निर्भर न रहते हुए अन्य देशों की वैक्सीन समय पर मँगवाने के लिए ग्लोबल टेंडर का विकल्प खुला रखना चाहिए। केंद्र सरकार ने रूस में बनी स्पुतनिक सहित पांच विदेशी वैक्सीन के आयात की अनुमति देकर टीके की कमी दूर करने का रास्ता पहले ही साफ कर दिया है। 


सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पहले दौर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को हाइड्रोक्लोरोफिन  देकर और 80 से ज्यादा देशों को कोरोना टीके की 6.4 करोड़ वाइल देकर मदद की थी, तब कांग्रेस, राजद सहित कई दल घरेलू जरूरतों की उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे। भारत की यह उदारता आज संकटमोचक बन रही है।

प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का लाभ यह कि आज कोरोना की दूसरी लहर के समय यूरोप, अमेरिका और खाड़ी के मुसलिम देश सहित पूरी दुनिया भारत की मदद में एकजुट हो गई है। ब्रिटेन से 495 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, सिंगापुर-आस्ट्रेलिया-अरब देशों से क्रायोजेनिक आक्सीजन सिलेंडर, पीपीई-किट और तरलीकृत आक्सीजन की बड़ी खेप आ रही है।अमेरिका कोविशील्ड उत्पादन के लिए तुरंत कच्चा माल देने जा रहा है और रूस आक्सीजन जेनरेटर देने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी पूरी करने को तैयार हो गया। प्रधानमंत्री की विदेश नीति वैश्विक हित के साथ-साथ भारतीय हितों की रक्षा करने में भी सफल रही। 

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