PATNA: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी शनिवार को हेलीकॉप्टर से कैमूर जिले के चांद प्रखंड के लेदरी गांव पहुंचे। उनके पहुंचने पर यहां जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए सहनी ने आरक्षण की लड़ाई तेज करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमलोग उस दशरथ मांझी के बिहार वाले हैं जो पहाड़ में रास्ता बनाने वक्त कहा करते थे कि जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं। आज हमने भी तय कर लिया है कि जब तक आरक्षण नहीं ले लेंगे तब तक छोड़ेंगे नहीं।
'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित मुकेश सहनी ने साफ लहजे में दावा करते हुए कहा कि अब निषाद का बेटा वोट नहीं बेचेगा। अब एक - एक निषाद हाथ में गंगाजल लेकर आरक्षण के लिए संघर्ष करने का संकल्प ले रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की लड़ाई कोई नई नहीं है। यह मेरा हक और अधिकार है। जब देश एक है, संविधान एक है, पीएम एक है तो फिर पश्चिम बंगाल और दिल्ली में निषादों को आरक्षण है और बिहार, झारखंड और यूपी में निषादों को आरक्षण क्यों नहीं है।
उन्होंने कहा कि आज निषादों की आबादी 3 करोड़ से अधिक होने के बाद भी एक भी निषाद का बेटा कलेक्टर नहीं है। अगर आज आरक्षण होता तो ऐसी स्थिति नहीं होती। सहनी ने जोर देकर कहा कि आज देश में पैसा और पॉवर का ही बोलबाला है। उन्होंने कहा कि आज लोग चांद पर घर बनाने की सोच रहे हैं और आज निषादों के लिए जमीन पर घर नहीं है। यहां बड़ी संख्या में उपस्थित युवाओं और महिलाओं ने आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए पढ़ाने तथा अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प लिया।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज सभी संघर्ष का संकल्प ले रहे है और यही संकल्प निषादों के उज्जवल भविष्य को तय करेगा। उन्होंने कहा कि जो हमारी सुनेगा उन्हीं की हम सुनेंगे, जो हमारी नहीं सुनेगा, उसकी हम भी नहीं सुनेंगे। उन्होंने कहा कि हमे सिर्फ आरक्षण चाहिए।