मुकेश सहनी की वीआईपी ने राजद को दिया बड़ा झटका, LALU की पार्टी से छिन गया यह बड़ा तमगा

PATNA : बिहार की राजनीति में हर दिन कुछ नया देखने को मिलता है। बुधवार का दिन ऐसा ही था। अब तक तीन विधायकों के साथ बिहार की प्रमुख राजनीतिक दल में शामिल मुकेश सहनी की वीआईपी के तीनों एमएलए भाजपा के साथ चले गए। इसके साथ ही बिहार में एनडीए की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का अस्तित्व विधानसभा में बुधवार को पूरी तरह खत्म हो गया। वहीं तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से राजद को भी बड़ा झटका लगा है। कल तक राजद प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी थी। उनके पास सबसे अधिक विधायक थे। आज वह नंबर दो पर आ गए हैं। अब तीन विधायकों के शामिल होते ही बिहार विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
74 से 77 हुई विधायकों की संख्या
बिहार विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 74 से बढ़कर 77 हो गई है। वहीं सबसे बड़ी पार्टी राजद के पास अब 75 विधायक हैं और वह दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है। वहीं जदयू अब भी तीसरे नंबर पर है। के साथ सबड़े बड़ी पार्टी थी। बता दें कि वीआईपी के चार विधायक थे, जिनमें मुसाफिर पासवान की मृत्यु होने के बाद तीन ही बचे थे। वीआईपी के तीनों विधायकों मिश्री लाल यादव, राजू सिंह और स्वर्णा सिंह ने भाजपा मुख्यालय में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बीते बुधवार विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने को मंजूरी भी दे दी है।
पटना के भाजपा कार्यालय में तीनों विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह घर वापसी है। उन्होंने कहा कि यह लोग भाजपा के टिकट से लड़ने जा रहे थे, एक समझौते के तहत वीआईपी के टिकट पर लड़े थे। जायसवाल ने कहा कि पिछले दिनों जो भी घटनाक्रम हुए उससे तीनों विधायक सहमत नहीं थे। यह लोग चाहते थे कि इनकी घर वापसी हो जाए। इसी के बाद इनके भाजपा में शामिल करने पर विचार किया गया। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वीआईपी की विधायक दल की नेता स्वर्णा सिंह ने अपने दल का भाजपा में विलय कर लिया है। उनके विलय को विधानसभा अध्यक्ष ने भी मंजूरी दे दी है। रेणु देवी ने कहा कि वीआईपी में हमारे ही लोग थे। उन लोगों को हमने ही वीआईपी के टिकट पर मैदान में उतारा था।
जदयू के लिए बढ़ेगी परेशानी
तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने से न सिर्फ राजद के सिर से सबसे बड़ी पार्टी होने का तमगा छिन गया है। बल्कि जदयू की भी इससे परेशानी बढ़ सकती है। लंबे समय बाद भाजपा बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी है। ऐसे में पिछले दिनों भाजपा और जदयू नेताओं के बीच जिस तरह से तू-तू मैं-मैं हुई थी। अब जदयू के लिए यह आसान नहीं होगा।
विधानसभा की अब दलगत स्थिति :
भाजपा : 77
राजद : 75
जदयू :45
कांग्रेस : 19
माले :12
एआईएमआईएम : 05
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा :04
सीपीएम : 02
सीपीआई :02
निर्दलीय (जदयू को समर्थन) : 01
रिक्त : 01