बिहार में बहुरेंगे खेल... नीतीश मंत्रिमंडल की सहमति के बाद अब गठित हुआ खेल विभाग, करना होगा यह सब काम

पटना. बिहार में खेलों के विकास, खिलाडियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और खेलों के लिए बेहतर आधार भूत संरचना विकसित करने के लिए मंगलवार को खेल विभाग का गठन किया गया. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में बिहार में खेल विभाग गठित करने को स्वीकृति दी गई थी. मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार के अनुसार, भारत संविधान के अनुच्छेद-166 के खंड (3) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार राज्यपाल द्वारा बिहार कार्यपालिका नियमावली, 1979 (समय-समय पर यथा संशोधित) में संशोधन तुरंत के प्रभाव किया गया है.
इसके तहत बिहार कार्यपालिका नियमावली, 1979 (समय-समय पर यथा संशोधित) की प्रथम अनुसूची के क्रमांक-44. के बाद नया क्रमांक- "45. खेल विभाग" जोड़ा जाएगा तथा उसके अधीन निम्नांकित कार्य आवंटित किये जायेंगे. यानी अब बिहार कार्यपालिका नियमावली के अंतर्गत कुल 45 विभाग होंगे.
खेल विभाग को आवंटित काम में खेल-कूद के विकास से संबंधित सभी कार्य, खिलाड़ियों के कल्याण से संबंधित सभी कार्य, खेल-कूद से संबंधित आधारभूत संरचना से संबंधित सभी कार्य, खेल-कूद विश्वविद्यालय से संबंधित सभी कार्य, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, सरकार के पदाधिकारियों/कर्मियों के लिए गठित खेल से संबंधित संस्थाएं, खेल से संबंधित राज्य सरकार द्वारा गठित सभी संस्थाएं, विभाग से संबंधित अधिनियमों का प्रशासनिक प्रभार, विभागीय भवनों का प्रशासनिक प्रभार, विभाग के अन्तर्गत नियोजित पदाधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति का विनियमन एवं उनकी सेवा शर्त आदि का निर्धारण एवं प्रशासनिक नियंत्रण शामिल है.
खेल से जुड़ा विभाग अब तक "कला, संस्कृति एवं युवा विभाग" के साथ था. लेकिन अब इसे "कला, संस्कृति एवं युवा विभाग" से अलग कर पृथक खेल विभाग बना दिया गया है. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के तहत अब ये कार्य रह जायेंगे. इसमें कला एवं संस्कृति के विकास से संबंधित सभी कार्य, प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक और अभिलेख एवं पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष जिन्हें संसद ने विधि द्वारा राष्ट्रीय महत्व घोषित किया गया हो तथा पुरातात्विक स्थल और अवशेष का संरक्षण एवं विकास, संग्रहालय एवं ऐसी अन्य संस्थाएं, कला एवं संस्कृति से संबंधित सभी संस्थाओं जैसे, भारतीय नृत्य कला मंदिर, ललित कला अकादमी, प्रेमचन्द रंगशाला, संगीत-नाटक अकादमी इत्यादि का प्रशासी नियंत्रण, विभाग से संबंधित अधिनियमों का प्रशासनिक प्रभार, विभागीय भवनों का प्रशासनिक प्रभार, राष्ट्रीय कैडेट कोर / राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.), विभाग के अंतर्गत नियोजित पदाधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति का विनियमन एवं उनकी सेवा शर्त आदि का निर्धारण एवं प्रशासनिक नियंत्रण शामिल है.
साथ ही बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम, नए गठित होने वाले विभाग के लिए भवन एवं उपस्कर इत्यादि की व्यवस्था भवन निर्माण विभाग के द्वारा की जायेगी. नवगठित विभाग के कार्यबल के लिए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के कार्यबल का विभाजन का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक कमिटि के द्वारा की जायेगी. नवगठित "खेल विभाग" के लिए जब तक अलग बजट की व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक के लिए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के बजट से व्यय होगा.