DESK: अगर आप पुलिस की वर्दी पहने हैं तो आप को कुछ भी, मने कुछ भी करने का अधिकार है। कम से कम दरोगा जी के कार्यकलाप को देखकर तो यही सोचा जा सकता है। कोरोना को रोकने के लिए यूपी में लॉकडाउन लगा हुआ है। लोगों को दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सामान नहीं मिल पा रहे हैं लेकिन इसी यूपी में दरोगा जी को वर्दी का इतना हनक है कि वह अपने काम के लिए दुकान ही खुलवा लेते हैं। उनके लिए न तो शासन के आदेश मायने रखते हैं न ही आईजी व एडीजी के। दरअसल यह दरोगा जी इतने हनक वाले हैं कि घड़ी खरीदने के लिए दुकान खुलवा दी वह भी तब जब घड़ी न तो आवश्यक वस्तुओं में है, और न ही इमरजेंसी सेवा में। अब यह देखना होगा कि इस दरोगा जी पर कोई एक्शन भी लिया जायेगा या फिर बचाने की कोशिश होगी।
खुलवा लिया था दुकान
दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ के रामराज की है। जहां पर गत 13 मई को बहसूमा थाने के रामराज चौकी इंचार्ज अमर सिंह कस्बे में पहुंचे और दोपहर के समय घड़ी खरीदने के लिए दुकान को खुलवा लिया। दुकानदार व अन्य कर्मी दरोगा जी को घड़ी दिखाते हैं। वहीं पर एक सिपाही भी खड़ा है। इसी दरम्यान एक दूसरा दुकानदार इस पूरे मसले का वीडियो बना लेता है। दुकानदार दरोगा अमर सिंह से यह भी कह रहा है कि अब तो बाजार बंद हो चुका है। आप क्या घड़ी खरीद रहे हो। आपके लिए भी तो लॉक डाउन या कर्फ्यू का नियम होना चाहिए।
सीओ ने दिये जांच के आदेश
वीडिया बना रहा दुकानदार यही नहीं रूकता है। वह आगे कहता है, यदि आदमी सब्जी खरीदता या वह लॉक डाउन में मजबूरी में कहीं आता जाता है तो उसे लाठियों से पीटा जाता है। किसी की परेशानी नहीं सुनी जाती। एक मिनट भी बाजार बंद होने में देरी हो गई तो पुलिस लाठी चार्ज कर देती है। अब बाजार बंद हो गया है तो दरोगा ने घड़ी की दुकान खुलवा ली। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सीओ मवाना उदय प्रताप सिंह ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसओ बहमूसा से भी रिपोर्ट मांगी है। यह जानकारी भी मांगी है कि वीडियो कब का है? सीओ ने आसपास के दुकानदार और लोगों से भी जानकारी मांगी है कि क्या दरोगा ने घड़ी खरीदने के लॉक डाउन में दुकान खुलवाई?