N4N DESK: हरियाणा के करनाल में प्रशासन और किसानों के देर रात समझौता हो गया और इस वजह से दोनों पक्ष के बीच चल रही गतिरोध समाप्त हो गया. इस वजह से ही शनिवार सुबह होने वाली मीटिंग भी रद्द कर दी गयी. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमे किये गये समझौतों की जानकारी दी गई.
बता दें शनिवार सुबह धरना स्थल पर पंडाल में किसानों और पुलिस की संख्या काफी कम दिख रही है. प्रशासन ने किसानों को न्योता दिया जिसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सुरेश कौथ और रतन मान समेत 13 किसान नेता बातचीत करने पहुंचे थे. प्रेस कांफ्रेंस में एसीएस देवेंद्र सिंह ने बताया कि 28 अगस्त को हुई लाठीचार्ज कि न्यायिक जांच होगी और इसकी निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. और इस दौरान जब तक न्यायिक जांच की प्रक्रिया चलेगी तब तक एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे. इसके साथ ही मृतक किसान के पीड़ित परिवार के दो लोगों को एक हफ्ते के भीतर नौकरी दी जाएगी. यह समझौता हो जाने और सरकार की तरफ से मांगे मान लिए जाने के बाद करनाल में धरने पर बैठे किसानों ने अपनी प्रदर्शन को ख़त्म करने का ऐलान किया.
यह धरना प्रदर्शन किसानों के द्वारा 7 सितम्बर से ही सचिवालय पर किया जा रहा है. बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने घरौंडा की अनाज मंडी में एक महापंचायत का आयोजन किया गया था. इसमें किसान संगठनों ने तीन मांगे रखी थी और प्रशासन को 7 दिन का समय दिया था. नेताओं की मांग यह थी की लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को बर्खास्त कर दिया जाये और मृतक के बेटे को नौकरी और परिवार को 25 लाख मुआवजे के साथ घयलों को 2-2 लाख रूपये कि सहायता दी जाए.