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बगहा व्यवहार न्यायालय में नए भवन का चीफ जस्टिस ने किया उद्घाटन, कहा मामलों के निपटारे में बिहार बना नंबर वन

बगहा व्यवहार न्यायालय में नए भवन का चीफ जस्टिस ने किया उद्घाटन, कहा मामलों के निपटारे में बिहार बना नंबर वन

BAGAHA : बिहार और बिहार की न्यायिक व्यवस्था भारत में नंबर वन है। पिछले दो साल में कोरोना महामारी के दौरान भी सबसे ज्यादा मामलो का निपटारा और केस फाइलिंग बिहार में हुआ है। उक्त बातें पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने कही। वे उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान न्यायिक, प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियो और अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे। रविवार को बगहा व्यवहार न्यायालय में 15 न्यायलीय भवन, सुविधा केंद्र और हाजत के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सबसे पहले आने के साथ ही सीजे संजय करोल ने मंत्रोच्चार के बीच फीता कटकर भवन का उद्घाटन किया। उसके बाद हाजत और सुविधा केंद्र का भी फीता कटकर उद्घाटन किया। फीता काटने के कार्यक्रम के बाद मंच का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसका संचालन दीपक राही ने किया। मंच पर आने के बाद सबसे पहले राष्ट्रगान बच्चियों ने गया। उसके बाद थारू संस्कृति का पारंपरिक नृत्य झमटा की प्रस्तुति हुई। 

वहीँ जिला एवं सत्र न्यायाधीश बेतिया विजय आनंद तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश संजय करोल को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने  जज सुधीर सिंह को, एसीजेएम संदीप पटेल ने डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण को, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सोनू कुमार ने डीएम कुंदन कुमार और पी कुमार ने बगहा एसपी किरण कुमार जाधव को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। सीजे करोल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदु भूषण पांडेय ने कहा की न्यायालय मंदिर है और यह मंदिर ही बना रहे तो बेहतर होगा। यहां लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ आते हैं। मौके पर बगहा, बेतिया और नरकटियागंज के न्यायिक मजिस्ट्रेट, बगहा बार के अधिवक्ताओं में सोहन प्रसाद, गजेंद्र धर मिश्र, शशांक कुमार, मनोज कुमार पांडेय सहित दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित थे। 

जिले में लंबित हैं 90 हजार मामले

मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा की जिले में 90 हजार मामले में लंबित हैं। जो चिंता का विषय है। इन मामलो में 100 से अधिक ऐसे मामले हैं जो 30 वर्ष से पुराने हैं साथ ही 500 से अधिक ऐसे मामले हैं जो 20 वर्ष से पुराने हैं। न्यायिक अधिकारियों, प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियो और बार के अधिवक्ताओ से इस मामले में सहयोग करने की अपील की ताकि लोगो को समय से न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा की डिफेंस के लोगो के मामलो को प्राथमिकता देकर निस्पादित करें। 

निर्णय ऐसा दे की लोगो को कही और न जाना पड़े

मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में बगहा, बेतिया और नरकटियागंज के न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को कहा की गरीबों के लिए व्यवहार न्यायालय ही सबसे बड़ा कोर्ट है। इसलिए ऐसा फैसला दे की उनको किसी दूसरे न्यायालय में जाने की ज़रूरत नही पड़े।

बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

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