उपचार में लापरवाही : हड्डी के डॉक्टर पर 7.4 लाख का जुर्माना, उपभोक्ता आयोग का फैसला; मरीज के पैर में छोड़ा था ड्रिल बिट

उपचार में लापरवाही : हड्डी के डॉक्टर पर 7.4 लाख का जुर्माना, उपभोक्ता आयोग का फैसला;  मरीज के पैर में छोड़ा था ड्रिल बिट

सिवान: डॉक्टर को धरती का भगवान माना जाता है, लेकिन चिकित्सक की लापरवाही से कई बार मरीज की जान चली जाती है.ऑपरेशन के दौरान कभी कैंची तो कभी तौलिया छोड़ दिया जाता है, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है. ऐसा ही मामला सिवान में आने के बाद पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया और अंतत: उसे नौ साल के बाद न्याय मिला.

जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जयराम प्रसाद और सदस्य आलोक कुमार सिन्हा ने तथ्यों पर विचार करते हुए दोषी डॉक्टर रामा जी चौधरी के ऊपर जुर्माना लगाते हुए आदेश दिया है कि वह दावा राशि 7,40,000 का आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से शिकायतकर्ता को आदेश की तिथि तक दो महीने के अंदर भुगतान करें.  अगर समय से भुगतान नहीं होता है तो उपभोक्ता आयोग द्वारा उपभोक्ता कानून के प्रावधानों के तहत विपक्षी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें कि पैर टूटने पर ऑपरेशन के दरमियान ड्रिल बिट छोड़ देने के बाद पीड़ित द्वारा उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें 9 साल के बाद उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया.उपभोक्ता फोरम के फैसले के बाद से सीवान के डॉक्टर्स में हड़कंप मचा हुआ है. फोरम ने 2 महीने के अंदर उपभोक्ता को  पैसा देने का आदेश जारी किया गया है, जिसके नहीं करने पर दंडात्मक करवाई की जाएगी.

सिवान जिले के मानपुर गांव के निवासी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि 11 नवंबर 2014 को एक पशु से टकरा गए थे, जिसमें उनका हाथ पैर टूट गया था. परिजन उन्हें सिवान के मशहूर हड्डी डॉक्टर रामाजी चौधरी के यहां ऑपरेशन के लिए ले गए थे, जो हॉस्पिटल रोड में स्थित है. तब डॉक्टर ने शल्य चिकित्सा की सलाह दी और आनन फानन में ऑपरेशन कर दिया गया था. 11 नवंबर से लेकर 29 नवंबर 2014 तक पीड़ित ने डॉक्टर के यहां इलाज कराया, जिसमें उन्होंने कुल ₹60हजार रुपये का भुगतान भी किया,लेकिन ऑपरेशन के बाद भी सिंह को पैर में दर्द रहने की शिकायत रहने लगी और दर्द बढ़ता ही गया.जिस पर उनके परिजनों ने पटना में डॉक्टर एसपी वर्मा एवं डॉक्टर एस एस मयूख के यहां भर्ती कराया, तब पता चला कि बाएं पैर में ड्रिल बिट ऑपरेशन के दौरान छूट गया है.

परिजन जब इस बात की शिकायत डॉक्टर रामाजी चौधरी से की तो डॉक्टर ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मुझे जो इलाज करना था सो किया. इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज करवाया और आयोग ने डॉक्टर को दोषी माना और आयोग ने डॉक्टर रामाजी चौधरी को दोषी मानते हुए  7 लाख 40हजार का जुर्माना लगाया है.


Find Us on Facebook

Trending News