पंचायत प्रतिनिधियों को गोलबंद करने में जुटे "नेताजी", किसी को गोवा तो किसी को नेपाल जाने का मिल रहा है ऑफर

SUPAUL : जिले में पंचायत चुनाव जीतने वालों का न्‍यू ईयर सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है। खासकर पंचायत स‍मिति सदस्‍य और जिला परिषद सदस्‍य का चुनाव जीतने वाले पूरी तरह बम-बम हैं। प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष बनने के लिए इच्‍छुक चेहरों ने अपने पक्ष में गोलबंदी शुरू कर दी है और इसका सीधा फायदा पंचायत समिति सदस्‍यों और जिला परिषद सदस्‍यों को हो रहा है। 

आपको बता दें कि पंचायत समिति सदस्‍य मिलकर प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद सदस्‍य मिलकर जिला परिषद अध्‍यक्ष का चुनाव करते हैं। इस चुनाव में वोट हासिल करने के लिए तोल-माेल का बाजार खुल गया है। एक-एक निर्वाचित सदस्‍य को चार-चार जगह से आफर मिल रहे हैं।

पंचायत चुनाव जीतने वाले प्रतिनिधियों में से किसी को नेपाल तो किसी को गोवा जाने का आफर मिल रहा है। अध्‍यक्ष और प्रमुख की कुर्सी पर बैठने के लिए बेताब पंचायत प्रतिनिधि अपने समर्थकों की सूची लंबी करने के लिए खुलकर पैसे बहाने को तैयार हैं। इन दोनों पदों के लिए उन जिलों में जंग अधिक तेज है, जहां यह पद अनारक्षित रखा गया है। ऐसे जिलों में एक अनार, सौ बीमार जैसी स्‍थ‍िति है। जहां जितने अधिक उम्‍मीदवार इन पदों के लिए हैं, वहां तोलमोल का बाजार उतना ही अधिक गर्म है।

सुपौल से पप्पू आलम की रिपोर्ट