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शराबबंदी को सफल बनाने का नया नियम ... नीतीश प्रशासन का फरमान होम्योपैथी डॉक्टरों को करेगा परेशान

शराबबंदी को सफल बनाने का नया नियम ... नीतीश प्रशासन का फरमान होम्योपैथी डॉक्टरों को करेगा परेशान

पटना. बिहार में शराबबंदी है. बावजूद इसके हर साल बड़ी संख्या में लोग जहरीली या अवैध शराब पीकर मर जाते हैं. इसी महीने छपरा में 70 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीकर मरने की खबर आई. इतना ही नहीं राज्य के कई अन्य जिलों में भी लोगों के जहरीली शराब पीने से मौत की बातें आई. शराबबंदी की विफलता से बुरी तरह घिर चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मानते हैं कि बिहार में कुछ लोग अवैध रूप से शराब बनाते हैं या तस्करी करते हैं. ऐसे में छपरा की घटना के बाद नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इसे गम्भीरता से लेने का निर्देश दिया है. हर उस कड़ी पर वार करने की हिदायत दी गई है जिसकी कड़ियाँ जहरीली शराब के निर्माण से जुडी हों. 

नीतीश कुमार की शराबबंदी को सफल बनाने के लिए मद्य निषेध विभाग भी फिर से सक्रिय हुआ है. कुछ नए नियम और निर्देश भी बनाने की बातें सामने आई हैं. इसमें सबसे बड़ी बात राज्य के होम्योपैथी से जुड़े डॉक्टरों और दवाखानों पर नकेल कसने की है. दरअसल, जहरीली शराब में जिन केमिकल का इस्तेमाल होता है उस स्प्रिट का उपयोग होम्योपैथी दवाओ के निर्माण में भी होता है. छपरा शराबकांड में भी पुलिस ने दावा किया कि जहरीली शराब बनाने के लिए जिस स्प्रिट का उपयोग हुआ वह होम्योपैथी दवा से जुड़े कराबोरियों से लिया गया था. 

इसलिए अब मद्य निषेध विभाग ने इसी पर चोट करने की योजना बनाई है. अपर मुख्य सचिव के के पाठक की तरफ से राज्य के सभी डीएम को निर्देश जारी हुआ है. इसमें कहा गया है कि शराबबंदी की समीक्षा बैठक में  संबंधित औषधि निरीक्षकों को बुलाकर समीक्षा की जाए. उनसे डाटा लिया जाए कि उन्होंने कितनी दुकानों (विशेषकर होम्योपैथी आयुर्वेदिक होम्योपैथी) का निरीक्षण किया और स्टाक मिलान किया. इसके अतिरिक्त ऐसे सभी होम्योपैथ आयुर्वेद चिकित्सकों की सूची आपके पास उपलब्ध रहनी चाहिए जो अपने क्लिनिक में स्प्रिट इत्यादि रखते हैं.

दरअसल, होम्योपैथी दवा बनाने के लिए स्प्रिट का उपयोग होता है. स्प्रिट का आयात देश के अन्य राज्यों से बिहार में होता है. साथ ही राज्य में भी एक जगह से दूसरी जगह स्प्रिट ले जाना आसान है. इसी का फायदा शराब तस्कर उठाते हैं. वे शराब निर्माण के लिए स्प्रिट का इस्तेमाल करते हैं. इसी कारण अब मद्य निषेध विभाग ने होम्योपैथी कारोबार से जुड़े लोगों के स्टॉक मिलान का पूरा विवरण जानने कहा है. सूत्रों का कहना है कि विभाग का मानना है कि शराब तस्कर होम्योपैथी दवाखानों से ही स्प्रिट खरीदते हैं. 

हालांकि इस आदेश से बिहार के होम्योपैथी डॉक्टरों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है. स्प्रिट का आयात अगर सख्तियों के कारण प्रभावित हुआ तो होम्योपैथी दवाएं तैयार होने में दिक्कत आएगी. साथ ही इसके कारोबार से जुड़े लोगों को डर है कि उन्हें पुलिस-प्रशासन से बेजा परेशानी झेलनी पड़ सकती है.  


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