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नीतीश ने 'कांग्रेस' को खूब कोसा ! हाथ नहीं दे रहा साथ...तो कैसे होगी नैया पार ? बीच मंझधार में डूबने की दिखने लगी संभावना

नीतीश ने 'कांग्रेस' को खूब कोसा ! हाथ नहीं दे रहा साथ...तो कैसे होगी नैया पार ? बीच मंझधार में डूबने की दिखने लगी संभावना

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को कोसना शुरू कर दिया है. बिना कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन का कोई मतलब नहीं, यह जानते हुए भी सीएम नीतीश कांग्रेस को खूब सुना रहे. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है ? क्या कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार को भाव नहीं दे रही ? क्या नीतीश कुमार के अनुसार कांग्रेस नहीं चल रही ? या फिर बिहार में अधिक सीटें डिमांड कर रही ? इंडी गठबंधन में कुछ न कुछ तो चल रहा, तभी तो सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार यह कह रहे कि कांग्रेस को विपक्षी एकता से कोई मतलब नहीं. 

कांग्रेस को इंडिया अलायन्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं

राजधानी पटना के मिल स्कूल ग्राउंड में सीपीआई के मंच से सीएम नीतीश ने कांग्रेस को खूब कोसा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी एकता से कोई मतलब नहीं रह गया है। कांग्रेस की वजह से गठबंधन को लेकर कोई काम आगे नहीं बढ़ रहा. वह देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में व्यस्त है। नीतीश गुरुवार को पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में आयोजित भाजपा हटाओ देश बचाओ रैली में शामिल होने पहुंचे थे। कांग्रेस को फ़िलहाल इंडिया गठबंधन में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रह गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीपीआई के 'भाजपा हटाओ- देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर ये बातें कही. सीएम नीतीश ने कहा कि अभी पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव चल रहा है. कांग्रेस पार्टी उसी चुनाव में इंटरेस्टेड है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद फिर से सबको बुलाया जाएगा.


इंडिया गठबंधन में भारी सिरफुटौव्वल

 बता दें, एनडीए से अलग होने के बाद सीएम नीतीश ने विपक्षी दलों को गोलबंद करने का बीड़ा उठाया था. काफी पसीना बहाने के बाद पटना में सभी विपक्षी दल के नेताओं की बैठक हुई. इसके बाद अन्य जगहों पर भी विपक्षी नेताओं की मीटिंग हुई. लेकिन अभी तक कोई सार्थक रिजल्ट नहीं निकल सका है. मुख्यमंत्री की पहल पर कई ऐसे दल भी एक साथ आए जो एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे। विपक्ष के 26 से अधिक दलों को मिलाकर INDIA गठबंधन बनाया गया। शुरुआती दौर में सभी ने एकजुटता दिखाई लेकिन बाद में शिथिल पड़ते गए. यूं कहें कि फिर से विपक्षी दलों में सिरफुटौव्वल शुरू हो गया. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में वो तस्वीर दिख रही है जब विपक्ष के कई दल चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. इस तरह से लोकसभा चुनाव के सीटे बंटवारे से पहले ही इंडिया गठबंधन का जलवा मद्धिम पड़ते जा रहा. 

 

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