पटना. तुष्टिकरण के चक्कर में बिहार की नीतीश सरकार राज्य की कानून व्यवस्था को ध्वस्त किए हुए है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत बिहार की महागठबंधन सरकार पर यह आरोप भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने लगाया है. उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से बिहार के भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की. चौधरी ने कहा कि हमने गृह मंत्री से मांग की है कि राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था, मोहर्रम के दौरान बड़े पैमाने पर कई जिलों में हुई हिंसक झड़प और दलितों के विरुद्ध बढ़ते अत्याचार के मामलों पर नीतीश सरकार से रिपोर्ट ली जाए.
सम्राट चौधरी ने कहा कि मोहर्रम के दौरान दरभंगा, कैमूर, कटिहार जैसे कई जिलों में तनावपूर्ण स्थिति रही. इसका कारण वहां पर्याप्त संख्या में फोर्स नहीं लगाया जाना रहा. यह नीतीश सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हुआ. इसी तरह हाल के दिनों में बेगूसराय में दलित समाज की एक लड़की को निर्वस्त्र कर अपराधियों द्वारा प्रताड़ित किया गया. दरभंगा में दलित समाज के व्यक्ति का जब अंतिम संस्कार करने जाया गया तो वहां उसके शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया.
उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाओं को लेकर स्थिति बेहद दयनीय है. हर दिन कई प्रकार की आपराधिक वारदात हो रही है. लोगों की हत्याओं के मामले आए दिन प्रकाश में आ रहे हैं. इन सभी घटनाओं का करण नीतीश सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति है. इसी वजह से राज्य में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री अमित शाह से बिहार भाजपा के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुलाकात कर बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था से अवगत कराया.
सम्राट ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति के लिए मुहर्रम जुलूस बवाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को फंसाने का काम बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है. गृह मंत्री से मिलने वालों में पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर आदि शामिल रहे.