ढाई वर्ष बाद नीतीश सरकार ने किया महिला आयोग का पुनर्गठन, पूर्व जदयू सांसद अश्वमेध देवी को बनाया अध्यक्ष

पटना. पूर्व जदयू सांसद अश्वमेध देवी को बिहार सरकार ने राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया है. नीतीश सरकार ने बिहार राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन किया है जिसमें उजियारपुर की पूर्व सांसद और जेडीयू की समस्तीपुर की जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है. समाज कल्याण विभाग की उप सचिव की ओर से जारी पत्र के अनुसार राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष के अलावा सात महिलाओं को सदस्य बनाया गया है.
दरअसल, महिला आयोग को भंग हुए ढाई साल से ज्यादा का समय बीत चुका था. ऐसे में पिछले लम्बे अरसे से इसके पुनर्गठन की मांग चल रही थी. अब राज्य सरकार ने महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में पूर्व जदयू सांसद को कमान दी है. उनके साथ प्रभावती मांझी, डॉ सुजाता सुम्ब्रई, रबिया खातुन, सुनीता कुशवाहा, श्वेता विश्वास, सुलोचना देवी , गीता यादव को सदस्य बनाया गया है.
समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सदस्यों के मनोनयन की अधिकतम अवधि 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक होगी. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार द्वारा महिला आयोग के पुर्नगठन की इस पहल को बेहद खास रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं कई धरों की ओर से महिला आयोग के अध्यक्ष और इसके पुनर्गठन की मांग की जा रही थी जिसे अब पूरा कर लिया गया है.
एक दिन पहले ही नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का भी पुनर्गठन किया था. अब महिला आयोग का पुनर्गठन किया गया है. वहीं अध्यक्ष बनने के बाद अश्वमेध देवी ने कहा कि बिहार राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और मेरे अभिवावक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद देती हूँ. अश्वमेध देवी वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं . इसके पहले वह वर्ष 2000 में पहली बिहार विधानसभा के लिए चुनी गई और 2009 तक विधायक रही.