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नीतीश कुमार को यूपीए में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति

नीतीश कुमार को यूपीए में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे. इस बीच कांग्रेस ने सीएम नीतीश को लेकर एक बड़ी योजना भी बना ली है और इसी से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को मात देने की रणनीति को आगे बढ़ाया जाएगा. दरअसल, नीतीश कुमार शुरू से विपक्षी एकता की बात करते रहे हैं. सूत्रों के अनुसार अब विपक्षी एकता की मुहीम को साकार करने के लिए कांग्रेस भी खास योजना बना रही है. इसमें नीतीश कुमार के कंधों पर अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. 

सूत्रों के अनुसार विपक्षी एकता की नीतीश की पहल को कांग्रेस भी जरूरी मानती है. इसलिए अब कांग्रेस इसे साकार करने के लिए नीतीश कुमार को अहम जिम्मेदारी भी देना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस अब यूपीए यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को मजबूत करने की योजना बना रही है. दरअसल, 2004 से 2014 तक केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार थी. हालांकि 2009 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो यूपीए कमजोर होते चली गई. ऐसे में अब यूपीए को फिर से सशक्त करने की योजना पर कांग्रेस ने तैयारी शुरू की है. 

चुकी नीतीश कुमार शुरू से विपक्षी एकता की पहल को आगे बढ़ाने की वकालत करते रहे हैं. ऐसे में उनकी इस मुहिम को अब यूपीए को सशक्त करने की पहल के रूप में कांग्रेस नीतीश को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं. इसमें नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है. माना जा रहा है कि नीतीश के विपक्षी एकता की पहल को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए यूपीए के बैनर को विस्तार देना है. इसमें यूपीए के साथ सभी विपक्षी दलों को लाने के लिए नीतीश कुमार को यूपीए संयोजक बनाया जा सकता है. नीतीश की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से होने वाली मुलाकात में इस पर अहम चर्चा हो सकती है. इसमें दोनों के बीच विस्तार पूर्वक यूपीए संयोजक के विषय पर बात होने की संभावना है. 

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार का विभिन्न दलों को एक साथ लेकर चलने का जो राजनैतिक अनुभव और कौशल है उसे कांग्रेस भुनाना चाहती है. इसलिए अब यूपीए संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार को जिम्मेदारी देने की बात चल रही है. अगर नीतीश और कांग्रेस में इसमें आम सहमति बन गई तो विपक्ष एक एक छतरी के नीचे लाने की योजना को यूपीए साकार करेगा. इसमें नीतीश खुद संयोजक बनकर यूपीए को मजबूत कर सकते हैं. चुकी नीतीश कुमार का सभी विपक्षी दलों के साथ बेहतर सम्बंध रहा है. वे पहले भी कई दलों के नेताओं से इस दिशा में मिल चुके हैं इसलिए यूपीए संयोजक की अहम जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली जा सकती है. 



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