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तेजस्वी यादव को अविलंब बर्खास्त करें नीतीश कुमार .... सुशील मोदी ने पेश किया ब्यौरा, कैसे लालू परिवार ने हासिल की करोड़ों की संपत्ति

तेजस्वी यादव को अविलंब बर्खास्त करें नीतीश कुमार .... सुशील मोदी ने पेश किया ब्यौरा, कैसे लालू परिवार ने हासिल की करोड़ों की संपत्ति

पटना. भाजपा नेता और राजसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वे तुरंत तेजस्वी यादव से इस्तीफा लें. रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आरोपित तेजस्वी से जुड़े मामलों पर सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार के मामले हैं. नीतीश कुमार उन्हें पद से बर्खास्त करें. उन्होंने कहा कि जदयू के मौजूदा अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को सारे पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए थे जिसके आधार पर कार्यवाही हो रही है. अब सीबीआई की तेजस्वी से 25 मार्च को पूछताछ होगी. सीबीआई ने कहा है इस महीने के अंत तक वह गिरफ्तार नहीं करेंगे लेकिन सीबीआई ने तेजस्वी को यह नहीं कहा है कि वह कभी नहीं भी गिरफ्तार करेगी. ऐसे आरोपित व्यक्ति को तुरंत नीतीश कुमार को पद से बर्खास्त करना चाहिए. 

तेजस्वी से जुड़े कथित भ्रष्ट्राचार के मामलों में सीबीआई की कार्रवाई कुछ साल बाद होने के सवाल पर सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सीबीआई मामले की देरी से जांच नहीं कर रही है बल्कि कोरोना के कारण देरी हुई. उन्होंने तंज कसा कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि इस मामले में तेजी से कार्रवाई हो जिसका फायदा नीतीश कुमार को ही होगा. 

उन्होंने सवाल किया कि तेजस्वी यादव ने न तो कभी नौकरी की, न ही कभी व्यापार किया। पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए। क्रिकेट में भी फैल रहे। कोई पुश्तैनी संपत्ति भी नहीं थी। इसके बावजूद नई दिल्ली के सबसे महँगे इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, D-1088 के 500 वर्ग मीटर जमीन पर बने 4 मंजिला मकान के मालिक हैं जिनका वर्तमान मूल्य 150 करोड़ से ज्यादा है। उसमें भी 150 करोड़ के दिल्ली के आलीशान मकान के मालिक तेजस्वी यादव ने कहा है कि मात्र चार लाख में उन्होंने उस मकान को खरीदा है. यह वही मकान है जहां नई दिल्ली में तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. यह वही मकान है जहां ईडी के लोगों ने तेजस्वी से पूछताछ की थी. आखिर 150 करोड़ के इस आलीशान मकान के मालिक तेजस्वी यादव कैसे बन गए?

सुशील मोदी ने कई आंकड़ों को पेश करते हुए कहा कि ए.बी.एक्सपोर्ट ने 1996 से आज तक न तो कोई व्यापार किया और न ही इसका कोई टर्न ओवर है, न ही कोई कर्मचारी है। इस कंपनी ने केवल एक काम किया- तेजस्वी के लिए संपत्ति खरीदने का. 2010-11 में इस कंपनी के 97% शेयर मात्र चार लाख में तेजस्वी ने और शेष 3% शेयर लालू की बेटी चंदा यादव ने 7 हजार  पूंजी लगाकर खरीद लिए. प्रारंभ में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, चंदा यादव एवं रागिनी लालू इस कंपनी के डायरेक्टर थे. वर्तमान में रागिनी लालू एवं लालू के विश्वस्त बड़हरिया (सिवान) निवासी शरीकल बारी इस कंपनी के डायरेक्टर हैं. 

उन्होंने कहा कि मुंबई के 5 हीरे-सोने के व्यापारियों ने 2007-08 में 1-1 करोड़  यानि कुल 5 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण ए.बी.एक्सपोर्ट को दिया. जांच में यह सभी कंपनियां फर्जी पाई गई. 15 वर्षों के बाद न तो यह 5 करोड़ वापस हुआ और न ही हीरे व्यापारियों ने पैसे की मांग की. 2007-08 में इसी 5 करोड़ से 500 वर्ग मीटर का प्लॉट मकान सहित खरीदा गया जिसमें जमीन की कीमत 4 करोड़ 54 लाख एवं मकान की कीमत 45 लाख दिखलाई गई. जिस समय यह संपत्ति खरीदी गई उस समय लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. 2014-15 में कंपनी ने पुराने मकान को तोड़कर 4 मंजिला आलीशान मकान 3 करोड़ 68 लाख में बनाया. 

उन्होंने कहा कि वर्ष 17-18 में तेजस्वी यादव ने 4 करोड़ 10 लाख और चंदा यादव ने एक करोड़ रुपया इस कंपनी को कर्ज दिया है। यद्यपि तेजस्वी यादव के संपत्ति की घोषणा में कहीं भी इस कर्ज का जिक्र नहीं है। आज इस मकान सहित जमीन की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि सवाल है कि आखिर मुंबई के पांच हीरे के व्यापारियों ने 2007-08 में ए.बी. एक्सपोर्ट को बिना ब्याज का कर्ज क्यों दिया ? आज तक ए.बी.एक्सपोर्ट द्वारा न तो 5 करोड़ मूलधन और न ही ब्याज मद का एक पैसा क्यों नहीं भुगतान किया गया?

आखिर प्रेमचंद गुप्ता, ओम प्रकाश कात्याल जैसे व्यापारियों ने क्यों अपनी कंपनी लालू परिवार को सौंप दी? 2010-11 में तेजस्वी यादव को मात्र चार लाख में इस कंपनी के 97% शेयर तथा चंदा यादव को 7 हजार में शेष 3% शेयर क्यों सौंप दिए गए ?  क्या यह सच नहीं है कि मात्र 4 लाख रूपये में तेजस्वी यादव इस 150 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए ?  आयकर विभाग ने 2017 में इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति घोषित कर तीन करोड़ 10 लाख का अर्थदंड लगा दिया है और इस संपत्ति को जप्त कर लिया है. तेजस्वी यादव 750 करोड़ के आईआरसीटीसी घोटाले में चार्ज शीटेड हैं तथा जमानत पर हैं. इस मामले का ट्रायल जल्द प्रारंभ होने वाला है. उन्होंने कहा, नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने 25 तारीख को पूछताछ के लिए बुलाया है. 29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव ए.बी.एक्सपोर्ट, ए.के.इंफोसिस्टम जैसी कंपनियों तथा अन्य माध्यम से 52 से ज्यादा अवैध संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं. भ्रष्टाचार का आरोपी व्यक्ति क्या राज्य का उपमुख्यमंत्री पद पर बना रह सकता है ? नीतीश कुमार को अविलम्ब तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए. 


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