नीतीश का अमित शाह को सुझाव ... पहले संविधान अनुरूप काम करना सीखिए, इधर-उधर बात मत कीजिये

नीतीश का अमित शाह को सुझाव ... पहले संविधान अनुरूप काम करना सीखिए, इधर-उधर बात मत कीजिये

पटना. बिहार में रामनवमी के बाद हुई हिंसा को लेकर सियासी घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीख देते हुए कहा कि राज्य के मसलों पर बात करने के लिए उन्हें संविधान अनुरूप व्यवहार करना चाहिए. अमित शाह द्वारा राज्य में हुई हिंसा के मसले पर राज्यपाल से बात करने पर आपत्ति जताते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि संघीय ढांचे के अनुरूप हर बात होनी चाहिए. अमित शाह का राज्यपाल से बात करना गैरसंवैधानिक है. उन्हें पहले संविधान को समझना चाहिए. 

उन्होंने कहा, इस देश के संविधान को देख लीजिये. सिर्फ राज्यपाल से नहीं बात करना होता है बल्कि जो राज्य में सरकार में उससे बात की जाती है. सासाराम और नालंदा में हुई हिंसा की घटनाओं को साजिश करार देते हुए नीतीश ने कहा कि प्रशासन की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो लोग भी ऐसा किए हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. 

अमित शाह के बिहार आने पर उन्होंने कहा कि उनकी मर्जी वे जितनी बार आएं. हमलोगों को इससे क्या आपत्ति होगी. अमित शाह की राजनीतिक समझ पर सवाल करते हुए कहा ये लोग कितने दिनों से हैं. भाजपा में जब अटल बिहारी वाजपेयी थे तब सब बढिया हो रहा था लेकिन ये लोग क्या कर रह हैं देखिये. उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी को निर्देश दिया गया है. दोनों जिलों की घटनाओं को प्रशासनिक लापरवाही मानने से इनकार करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रशासन के लोग लगे हुए हैं. जिन्होंने भी वहां माहौल खराब किया है उसे बख्शा नहीं जाएगा.

अमित शाह की ओर से सीएम नीतीश के लिए NDA में दरवाजा बंद होने के सवाल पर सीएम ने कहा कि 'अरे उनका कौन सा दरवाजा है. अरे उनका कोई दरवाजा है. जरा उनसे पूछिए कि वो लोग कितने लोग थे, जब हम लोग गए तो कितना आदमी थी, भूल गए. आप सब लोगों को मालूम है ना.


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