DESK : पिछले तीन दशक से श्रीनगर ने आतंकियों के कारण अपनी असली पहचान खो दी थी। अब यहां स्थिति बदलने लगी है। यहां की हालत में सुधार के बाद शिल्प के कारीगरी का काम भी बढ़ गया है। ऐसे में विश्व शिल्प परिषद ने श्रीनगर को बड़ा तोहफा देते हुए शहर को विश्व शिल्प नगरी की मान्यता दे दी है। यह सफलता श्रीनगर को 2021 में शिल्प के लिए यूनेस्को क्रिएटिव सिटी के रूप में मान्यता मिलने के बाद मिली है।
माना जा रहा है कि यह प्रतिष्ठित सम्मान शहर की समृद्ध विरासत और इसके कारीगरों के असाधारण कौशल को बढ़ावा देगा और इस मान्यता से श्रीनगर में पर्यटन का विस्तार होगा। नगर के अनूठे शिल्प की मांग में वृद्धि से उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे रोजगार सृजन होने के साथ कारीगरों और उनके परिवारों के लिए आजीविका में सुधार होगा। साथ ही इस मान्यता से विकास, स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
उप राज्यपाल ने दी शहर के लोगों की दी बधाई
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह मान्यता हमारे कारीगरों की कड़ी मेहनत और असाधारण प्रतिभा का प्रमाण है। यह उनके समर्पण को प्रमाणित करता है और श्रीनगर की सांस्कृतिक समृद्धि को उजागर करता है। हम अपने कारीगरों का समर्थन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह सम्मान समुदाय के लिए ठोस लाभ में तब्दील हो।
वैश्विक स्तर पर पीएम ने दिलाई पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के लिए दृढ़ समर्थन दिखाया है। वह जम्मू-कश्मीर के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए स्मृति चिह्नों को विश्व नेताओं को भेंट करके क्षेत्र के हस्तशिल्प को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते हैं, जिससे क्षेत्र की शिल्पकला और सांस्कृतिक विरासत के लिए वैश्विक जागरूकता और प्रशंसा बढ़ी है।