PATNA: बिहार के सीएम नीतीश कुमार वाराणसी में रैली करने वाले थे। हालांकि उनकी रैली रद्द हो गई। वहीं रैली के रद्द होने के बाद बिहार का सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ जहां जदयू-राजद आरोप लगा रही है कि,वाराणसी में नीतीश कुमार को रैली करने के लिए जगह नहीं दी गई है, यहीं कारण थी पार्टी ने रैली रद्द कर दिया। वहीं दूसरी ओर बीजेपी का दावा है कि जदयू की ओर से रैली को लेकर यूपी जिला प्रशासन को आवेदन नहीं दिया गया है। वहीं इसी कड़ी में बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि, नीतीश कुमार क्या, ओसामा बिन लादेन भी यूपी में आकर रैली कर लेगा तो कुछ अंतर नहीं होने वाला है।
सीएम नीतीश क्या ओसामा बिन लादेन का रैली करा लें....
मिथिलेश तिवारी ने कहा कि, सीएम को वाराणसी में रैली करना है तो करें ना। इनको रोक कौन रहा है। इनको जहां रैली करना है करें। इनको पूछ ही कौन रहा है। इनको बिहार का लोग पूछ ही नहीं रहा तो यूपी वाले क्या पूछेंगे। यह लोग झूठ मूठ का एक तमाशा किए हुए हैं। यूपी में इनके रैली करने से क्या होगा, अगर ओसामा बिन लादेन आकर यूपी में रैली कर लें तो भी कोई अंतर नहीं पड़ने वाला है। तो इनके करने से क्या हो जाएगा। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर सीएम को रैली करना ही है तो डीएमसीएच में जाकर रैली करे ना। वहां शराबबंदी कानून का पूरा पोल खुल गया है। उनके मंत्री गए थे वहां और मंत्री जी जिस कमरे में बैठे थे उसी कमरे से शराब की बोतल मिली है। उसका भी जांच कर कार्रवाई करें।
सरकारी दफ्तरों में चल रहे शराब पार्टी का उदाहरण है डीएमसीएच मामला...
उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार के शराबबंदी का सबसे बड़ा पोल खुल गया है। डीएमसीएच में शराब की पार्टी चल रही है। इससे साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सही कहा था, एक अन्य मार्ग से लेकर के जितने भी सरकारी दफ्तर हैं सब जगह शराब पार्टी चल रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण है डीएमसीएच। तो पहले नीतीश कुमार वहां जाकर रैली करें नीतीश कुमार ने बिहार का नाश कर दिया है।
यूपी में क्या विधानसभा वाला प्रवचन देंगे ?
वहीं उन्होंने सीएम नीतीश के यूपी दौरे पर दिए जाने वाले भाषण को लेकर कहा कि, सीएम नीतीश यूपी जाकर क्या प्रवचन देने वाले हैं। जो विधानसभा में प्रवचन दिए थे क्या वहीं प्रवचन वहां भी देनें? नीतीश कुमार की पार्टी खुद ही नहीं चाहती की वह किसी रैली में जाए। उनकी पार्टी खुद तैयार नहीं है कि, सीएम कब सार्वजनिक मंच पर क्या बोल दें इसका कोई ठिकाना नहीं है। रैली के लिए आवेदन दिया ही नहीं गया है। और उनके मंत्री लोग कह रहे थे कि वह खेत में रैली करेंगे। तो जाइए ना करिए ना कौन मना किया है। उत्तर प्रदेश में तो सड़क पर आकर कितना दिन तक कुछ कथित नेता बैठकर के केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ आंदोलन किए तो क्या हुआ।
सभी सरकारी अधिकारियों की हो जांच
वहीं उन्होंने सभी सरकारी अधिकारियों की जांच कराने की मांग को करते हुए कहा कि, अभी गोपालगंज के बैकुंठपुर में 6 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब से हो गई थी। हम लोग चिंतित है कि शराब के जो बड़े-बड़े व्यवसाय हैं, इतने सक्रिय है और जिनको इतना सरकारी संरक्षण प्राप्त है कहीं अगर गलती से बड़े-बड़े लोग, अधिकारी भी वहीं शराब पी लिए तो घातक साबित होगा। जहरीली शराब हुआ तो क्या होगा कई लोगों की जान चली जाएगी। इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि सरकार के सभी मंत्रियों और आलाधिकारियों का जिन्हें शराब का शौक है। उन सबका ब्लड सैंपल लेकर जांच हो ताकि इनका जिंदगी सुरक्षित हो सके। क्योंकि कहीं अगर गलती से जहरीली शराब पी लिए तो फिर राम नाम सत्य हो जाएगा।