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अब बनेगा अलग 'राजपूताना राज्य'! ठाकुर विवाद के बीच पटना में उठी बड़ी मांग, राजपूतों को चाहिए बिहार से अलग राज्य

अब बनेगा अलग 'राजपूताना राज्य'! ठाकुर विवाद के बीच पटना में उठी बड़ी मांग, राजपूतों को चाहिए बिहार से अलग राज्य

पटना. राजद सांसद मनोज झा द्वारा संसद में ठाकुर के नाम पर पढ़ी गई कविता के बाद बिहार में राजपूतों के एक वर्ग ने मोर्चा खोल रखा है. अधिकांश राजनीतिक दलों में शामिल राजपूत बिरादरी से आने वाले नेता ‘ठाकुर का कुआं’ कविता को लेकर मनोज झा के खिलाफ तीखी बयानबाजी कर रहे हैं. इसे राजपूत जाति का अपमान बता रहे हैं. इन सबके बीच अब राजपूत नेताओं ने राजपूतों के लिए एक अलग से राज्य बनाने की मांग कर दी है. बिहार से अलग राजपूताना राज्य बनाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत बिहार सरकार में शामिल कांग्रेस नेता ने की है. 

बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय के नाम से शुक्रवार को पटना की सड़कों पर बड़े बड़े होर्डिंग लगाकर 'हमें चाहिए अलग राजपूताना राज्य' की मांग की गई है.  सिद्धार्थ क्षत्रिय खुद को एक गैर राजनीतिक मंच 'अलग राजपूताना राज्य संघर्ष समिति' से जुड़ा बताते हैं. होर्डिंग ने उन्होंने बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा जिलों को जोड़कर राजपूताना राज्य बनाने की मांग की है. सिद्धार्थ क्षत्रिय के नाम से लगाए गए होर्डिंग में लिखा है कि नई संसद में राजदंड, देश में राजपूताना रेजीमेंट तो अलग राजपूताना राज्य क्यों नहीं ? साथ ही राजपूतों के इतिहास को इंगित करते हुए बताया गया है कि हमारा इतिहास सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र , दानवीर कर्ण, पुरुषोत्तम राम, वीर कुंवर सिंह तक त्याग, बलिदान और सुनहरे राजकाज का!

उन्होंने ठाकुर बिरादरी को सामाजिक न्याय का रखवाड़ा बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह को पिछड़ों को आरक्षण देने वाला, पूर्व कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह को पिछड़ों को उच्च शिक्षा में 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला और पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर को पिछड़ा जाति के समाजवादी नेताओं को मुख्यधारा में लाने वाला नेता बताया है. ये तीनो ही राजपूत जाति से आते हैं. 

गौरतलब है कि राजद के एमपी मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ठाकुर का कुआँ नामक कविता पढ़ी थी. उन्होंने कहा था कि इस कविता में ठाकुर को रूपक कर जिस सामाजिक छुआछूत का वर्णन है आज भी वह हम सबके अंदर है. यह कविता किसी जाति विशेष के खिलाफ नहीं है. हालांकि मनोज झा के कविता पाठ करने का सबसे पहले विरोध भी राजद के विधायक चेतन आनंद ने किया जो बाहुबली आनंद मोहन के बेटे हैं. बाद में कई अन्य राजपूत नेताओं ने अपनी आवाज मुखर की. अब सिद्धार्थ क्षत्रिय इन सबसे एक कदम आगे जाकर अलग राजपूताना राज्य की मांग कर दी है. 

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