बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

आठ की जगह अब रोजाना 12 घंटे करना होगा काम, मोदी सरकार अगले माह लाने जाने जा रही है नया लेबर एक्ट

आठ की जगह अब रोजाना 12 घंटे करना होगा काम, मोदी सरकार अगले माह लाने जाने जा रही है नया लेबर एक्ट

NEW DELHI : हर दिन काम की निर्धारित अवधि में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब हर दिन कर्मचारियों को आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम करना पड़ सकता है।  बताया जा रहा है कि इस संबंध में केंद्र सरकार 1 जुलाई से नए लेबर कोड लागू करने जा रही है। हालांकि, कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे ही काम करना होगा, यानी अगर वो 1 दिन में 12 घंटे काम करते हैं तो उन्हें सप्ताह में केवल चार दिन काम करना होगा। 

चार नए कोड को लागू करने की तैयारी

सालो पुराने लेबर कानून की जगह अब केंद्र ने 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर ये 4 नए लेबर कोड तैयार किए हैं। कई कंपनियां इसकी तैयारी कर रही हैं। यहां जानिए कि इनके लागू होने का आप पर क्या असर होगा?

ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशन कोड

सरकार द्वारा जल्द ही ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशन कोड लागू किया जा रहा है। इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एनवायरमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाए 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएगी। इसके अलावा किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा। इसमें 1 सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम का भी प्रावधान शामिल है। यानी 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी। इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा।

सोशल सिक्योरिटी कोड

इस कोड के तहत ESIC और EPDO की सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी ईएसआईसी की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा।

इसके अलावा बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर बदल जाएगा, बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा ज्यादा पहले से ज्यादा कटेगा। पीएफ बेसिक सैलरी पर आधारित होता है। पीएफ बढ़ने पर टेक-होम या हाथ में आने वाला सैलरी कम हो जाएगी।

इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड

इस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया कोड लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी कर सकेंगी। 2019 में इस कोड में कर्मचारियों की सीमा 100 रखी गई थी, जिसे 2020 में इसे बढ़ाकर 300 किया गया है।

वेज कोड

इस कोड में पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी। सरकार का अनुमान है कि इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी। इसको 2019 में ही पास कर दिया गया था।


Suggested News