अब जहानाबाद में ब्रिटिश काल के शासन में बने पुल की लोहे को काट कर ले जा रहे हैं चोर, विभाग ने बंद की आंखें

JAHANABAD : जब से रोहतास जिले के अमियावर में लोहे के पुल की चोरी की घटना हुई है, उसके बाद से प्रदेश के सभी पुराने और जर्जर पुल पर चोरों की नजर लग गई है। ताजा मामला जहानाबाद जिले से जुड़ा है। जहां बिहार शरीफ शहर को जोड़ने वाली दरधा नदी पर बने  ब्रिटिश काल के शासनकाल में ही लोहे के पुल पर चोरों की अपनी आंखे गड़ा दी है। पुल के लोहे को धीरे-धीरे काटकर बेचा जा रहा है। वहीं विभाग के अधिकारी भी इस पर अब ध्यान देना जरुरी नहीं समझते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यही स्थिति रही तो जल्द ही  ब्रिटिश काल के पुल का पूरा अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

बताया गया कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए पुल पर कई दशकों तक लोग आवाजाही के लिए इस्तेमाल करते रहे। लेकिन बीते कुछ दिन पूर्व उस पुल की हालत जर्जर हो गई जिसके बाद विभाग के द्वारा उस पुल को अयोग्य घोषित कर दिया था और इसके जगह पर करोड़ों रुपए की लागत से नए पुल का निर्माण कराया गया। जिस पुल से लोग आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में इस पुराने पुल की उपयोगिता अब खत्म हो गई है। जिसका फायदा अब चोर उठा रहे हैं।  विभाग के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों को उदासीनता के कारण आज पुल के लोहे को चोर द्वारा काट काट कर बेचा जा रहा है। समय रहते इस दिशा में कोई ठोस कारवाई नही होती तो धीरे धीरे लोहे के पुराने पुल का अस्तित्व खत्म हो जायेगा या अगर उस पुल के लोहे को विभाग निलाम किया जाये तो सरकार को लाखो रुपए का राजस्व प्राप्त  हो सकता है।  


आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि अगर विभाग अपने कर्तव्य के प्रति इसी तरह लापरवाह रहा तो आने वाले दिन मैं पुल सारा सामान चोर चोरी कर लेकर चले जाएंगे और विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालय के कमरे में बैठकर सरकार की कई लाखों रुपए का चूना लगा बैठेंगे।  कुछ लोग तो दबे जुबान यह भी कह रहे है कि चोरी की घटना विभाग के कर्मचारी एवं पदाधिकारी के मिलीभगत से हो रही है लोगों का कहना है कि पथ निर्माण विभाग की कर्मचारी एवं पदाधिकारी एवं चोरों की मिलीभगत से यह कारनामा हो रहा है अगर इसकी जांच कराई जाए तो इसमें बड़े से लेकर छोटे पदाधिकारी के मिलीभगत एवं कारनामे उजागर हो सकता है।

 ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिन पूर्व सासाराम जिले में भी विभाग के कर्मचारी और पदाधिकारियों के द्वारा एक लोहे को पुल को भेज दिया गया था और जिसकी खबर चलने के बाद सरकार एक्शन में आई और इस मामले में कर्मचारी और पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार भी किया गया है बावजूद विभाग के पदाधिकारी सासाराम की घटना से सबक नहीं ले रहे हैं जो विभाग और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है