पटना. स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. अक्टूबर महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है. मगध कैंसर सेंटर पटना के मेडिकल ऑनकलॉजी डायरेक्टर डॉ रिदु कुमार शर्मा ने बताया कि हर वर्ष पूरी दुनिया में 2.3 मिलियन से ज्यादा स्तन कैंसर के नए मरीजों का पता चलता है और इससे हर साल लाखों महिलाओं की मौतें होती है. 2020 में 6 लाख 85 हज़ार महिलाओं की स्तन कैंसर से मौत हुई.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारी में एक स्तन कैंसर है. हर चार मिनट में एक महिला की diagnosis स्तन कैंसर से हो रहा है. वहीं प्रति 14 मिनट में एक महिला की हमारे देश में स्तन कैंसर से मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि यहाँ यह बताना अतिआवश्यक है की स्तन कैंसर के होने क्या -- क्या risk factors है. इसमें मोटापा , देर से शादी होना, देर से बच्चा होना, स्तनपान नहीं कराना, आनुवंशिक जीन म्युटेशन, परिवार में किसी सदस्य को स्तन कैंसर का होना, उम्रदराज होना, हार्मोनथेरेपी प्रमुख हैं.
डॉ रिदु कुमार शर्मा ने कहा कि स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण में स्तन में गांठ का होना ( दर्द रहित गांठ ), अल्सर (ज़ख्म ) बनना, निप्पल डिस्चार्ज (Discharge) होना, काँख में गांठ होना, ( Advance stage ) अंतिम स्टेज में हड्डी में दर्द (Bony mets) , पेट में दर्द होना शामिल है. वहीं यदि स्तन कैंसर का पता आरम्भिक अवस्था में लग जाए तो इसको जड़ से ठीक किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए स्तन कैंसर स्क्रीनिंग ( जाँच ) का तरीका सामान्य रिस्क महिलाओं के लिए चालीस से पचहतर साल के के बीच हर दो साल पर स्क्रीनिंग मैमोग्राम कराना चाहिए. हाइ रिस्क ग्रुप में अर्ली (Early age ) 25 साल के बाद स्क्रीनिंग शुरू करना है. स्तन कैंसर के डायग्नोसिस के लिए बायोप्सी की जरूरत पड़ती है. इसके ईलाज के तरीकों में स्तन कैंसर के ईलाज में स्तन का सर्जरी, किमोथेरेपी , हार्मोन थेरेपी , रेडियोथेरेपी , टारगेटेड थेरेपी , और इम्युनथेरेपी, से किया जाता है.
डॉ रिदु कुमार शर्मा ने कहा कि अक्टूबर महीने में हम स्तन कैंसर जागरूकता के लिए घर -- घर यह सन्देश दें कि यदि स्तन कैंसर का आरम्भ में पता लग जाए तो इसको जड़ से ठीक किया जा सकता हैं. इसके लिए जरूरी है कि जागरूक रहें, स्तन कैंसर से सुरक्षित रहें.