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सरकारी अस्पताल की जांच के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचे अधिकारी, बिहार में पहली बार इस तरह किया गया निरीक्षण

सरकारी अस्पताल की जांच के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचे अधिकारी, बिहार में पहली बार इस तरह किया गया निरीक्षण

KISHANGANJ : बिहार के सरकारी अस्पतालों में भले ही मरीजों के बेहतर इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं हो, लेकिन अधिकारियों के लिए पैसे की कमी नहीं है। स्थिति है कि अस्पताल की जांच के लिए अब अधिकारी हेलीकॉप्टर से आना-जाना शुरू हो गया है। यह राज्य में पहली बार है कि राजधानी से दूर दराज के जिले किशनगंज के अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है।

पूरा मामला किशनगंज जिले से जुड़ा है। जहां बुधवार को अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ मुख्यालय स्तर के शीर्ष सात पदाधिकारी हेलीकॉप्टर से पहुंचे, वहां पर अपर मुख्य सचिव ने खुद ठाकुरगंज और छत्तरगाछ अस्पताल का निरीक्षण किया जबकि उन्होंने पोठिया अस्पताल का निरीक्षण किया।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि पूरे निरीक्षण कार्यक्रम को पूरी तरह से गोपनीय रखते हुए किया गया था. उन्होंने बताया कि निदेशक प्रमुख डा सुनील झा के सात सात पदाधिकारियों को पहले ही किशनगंज भेज दिया गया था. बुधवार को अपर मुख्य सचिव के सात मुख्यालय स्तर के शीर्ष सात पदाधिकारी हेलीकॉप्टर से किशनगंज पहुंचे. वहां पर अपर मुख्य सचिव ने खुद ठाकुरगंज और छत्तरगाछ अस्पताल का निरीक्षण किया जबकि उन्होंने पोठिया अस्पताल का निरीक्षण किया

संयुक्त सचिव सुधीर कुमार, अलंकृता पाडेय, राजेश कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों की टीम ने दिग्घलबैंक, कोचाधामन, सहित करीब 40 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया. इसमें हेल्थ सब सेंटर, एपीएचसी, सीएचसी और रेफरल अस्पताल शामिल थे। यह देखा गया कि राजधानी से दूर होने के बाद भी वहां के अस्पतालों में चिकित्सकों और नर्सों की उपस्थिति थी। ड्यूटी से सिर्फ एक चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि दवाओं की उपलब्धता सभी अस्पतालों में थी और मरीजों के बीच वितरित भी की जा रही थी।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि विभाग की ओर से पहले मिशन 60 दिन और मिशन परिवर्तन अभियान चलाया गया था. इससे जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की स्थिति में सुधार किया गया था। अब सुदूर ग्रामीण इलाकों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार को लेकर एक और अभियान चलाया जाना है।

उसके पूर्व ग्रामीण अस्पतालों की सेवाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत होना है। इसको लेकर पूर्व में वैशाली और सारण जिलों का औचक निरीक्षण किया गया था। किशनगजं के ग्रामीण अस्पतालों में साफ-सफाई और सेवाओं की और ठीक करने की आवश्यकता है।


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