नवादा : जेल अधिकारी : तोहर आदमी छूटतओ, तोहर घर जइतो...हम्मर घर थोड़े जइतो। जल्दी-जल्दी कर सब...तभी एक महिला आती है और जींस पैंट व व्हाइट शर्ट पहने जेल अधिकारी को दो सौ रुपये थमाती है। अधिकारी, महिला से पूछता है...क्या नाम है बंदी का...महिला- जी मुकेश। मुकेश क्या, पूरा नाम बताओ...मुकेश कुमार यादव, महिला बताती है। अधिकारी शर्ट की जेब से कागज निकालता है और उसपर बंदी का नाम लिखता है। फिर वो दूसरे बंदी के परिजनों की ओर देखता है और बोलता है...ऐ बंधु, तुम्हारा क्या हुआ...पीछे से कुछ लोगों की आवाज आती है, वो लोग हंसते हुए बोलते हैं, सर हैंग कर गया है फिर अधिकारी बोलता है कि तुमलोग क्या यहां मेला घूमने आये हो ? यहां राजगीर का मेला लगा हुआ है। देना है तो जल्दी दो...दूसरी ओर से आवाज आती है...सर परिवार आ रहा है...तो तुमलोग कौन हो...हवाई जहाज से आने के लिए कहिए...परिवार आ रहा है...सब मेला घूमने यहां आया है...देना है तो जल्दी दो...पीछे से कुछ लोगों की आवाज आती...सर, जितना जल्दी अंदर जायेंगे तभी तो जल्दी सबको छोड़ेंगे...बीच-बीच में हंसी-मजाक का दौर भी चलता है। कोई कहता है कि बऊआ ससुराल में है, 9 दिन में नप के जहिअन...