रांचीः शिबू सोरेन की दूसरी संतान हेमंत सोरेन को सियासत विरासत में मिली है. उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़ छात्र जीवन से राजनीति में उतर आए. बड़े भाई दुर्गा सोरेन की अकाल मृत्यु के बाद हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा और प्रदेश की सियासी की धूरी बन गये.2019 विधानसभा में झामुमो द्वारा विशाल जीत हासिल करने के बाद महागठबंधन के साथ मिलकर हेमंत सोरेन ने झारखंड की सत्ता संभाली. साल 2023 में जमीन घोटाले में उनका नाम आने के बाद प्रदेश की सियासी और झामुमो परिवार में जैसे भूचाल आ गया. इस कारण उन्हें 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया, अपनी गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस बीच झामुमो परिवार के करीबी चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया.
जमानत पर बाहर आए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की फिर से ताजपोशी की तैयारी हो चुकी है, झारखंड के सीएम चंपई सोरेन ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. इससे पहले, सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक में सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल का नेता चुना.
चंपई सोरेन ने राजभवन से बाहर आने के बाद कहा, ‘मैंने झामुमो-नीत गठबंधन के फैसले के अनुसार इस्तीफा दे दिया है. हमारा गठबंधन मजबूत है.’ चंपई ने कहा कि सभी जानते हैं कि हेमंत सोरेन जी के साथ क्या हुआ था। गठबंधन सहयोगियों ने मुझे जिम्मेदारी दी थी अब, गठबंधन ने हेमंत सोरेन जी के पक्ष में फैसला किया है.
इस बीच, हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि सरकार बनाने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. शपथग्रहण के बारे में पूछे जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही सबकुछ बताया जाएगा.
हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे. बता दें हेमंत सोरेन 38 साल की उम्र में 2013 में प्रदेश की कमान संभाली थी. राज्य के संथाल परगना इलाके के बरहेट विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने सोरेन पूर्ववर्ती भाजपा-झामुमो गठबंधन में उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही थोड़े समय के लिए राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं. सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो और झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शिबू सोरेन की दूसरी संतान हैं.
13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन ने झारखंड के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हेमंत को कांग्रेस, आरजेडी, अन्य छोटे दलों के तीन और चार निर्दलीय विधायकों समेत कुल 43 विधायकों का समर्थन मिला. कांग्रेस ने इससे पहले भी जेएमएम का समर्थन किया था लेकिन कभी खुद सरकार में शामिल नहीं हुई. इस बार हेमंत कांग्रेस को मंत्रिमंडल में शामिल करने में कामयाब हुए. इतना ही नहीं, उन्होंने आरजेडी को भी सरकार में शामिल कर लिया. साल 2009 में कांग्रेस और आरजेडी के अलग होने के बाद ये पहला मौका था, जब दोनों ने हेमंत सरकार की मदद के लिए हाथ मिलाया. हेमंत ने 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक राज्य में शासन किया.