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शिक्षक अभ्यर्थियों पर दारोगा की दादागिरी, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कैंडिडेट्स बरसाईं थी लाठियां, कहा- 'तुम कलेक्टर हो क्या'

शिक्षक अभ्यर्थियों पर दारोगा की दादागिरी,  शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कैंडिडेट्स बरसाईं थी लाठियां, कहा- 'तुम कलेक्टर हो क्या'

डेस्क...  बिहार सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था भ्रष्टाचार चरम है और सीएम नीतीश कमार कहते हैं कि हम भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। नई सरकार आने के बाद पिछले 2 वर्षों से चल रही शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद थी, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद भी शिक्षा विभाग अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने में असमर्थता जाहिर कर रहा है। अब इस मामले को लेकर लाखों अभ्यर्थी आर-पार की मूड में दिख रहे हैं और इसकी शुरुआत मधुबनी जिले से हो भी गई है, जहां तय समय में मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने पर 'बिहार टीईटी-सीटीईटी उर्तीण शिक्षक बहाली मोर्चा' कलेक्ट्रियट पहुंचे, लेकिन यहां इन्हें पुलिस की लाठियों के साथ-साथ वर्दी की राैब भी बर्दाश्त करनी पड़ी। पुलिस पदाधिकारी की दादागिरी तो इस कदर था कि वो कलेक्टर को भी कुछ नहीं समझने को तैयार था और शांत तरीके से कलेक्ट्रियट परिसर में बैठे अभ्यर्थियों से कहा कि तुम कलेक्टर हो, चलो जाओ यहां से। बता दें कि आदेश के अनुसार शिक्षक बहाली से सभी प्रक्रिया को जिलों के कलेक्टर की निगरानी में होना है। 

ये है पूरा मामला

26-12-2020 तक अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने के बाद जब मधुबनी में छात्रों ने कलेक्ट्रयिट में एडीएम से मिलकर सूची जारी नहीं होने का कारण पूछा तो एडीएम साहब ने जिला शिक्षा अधिकारी चंदन प्रभाकर को फोन कर जानकारी मांगी। इस पर डीईओ ने कलेक्ट्रियट पहुंचने की बात कही। अभ्यर्थियों की ओर से एडीएम को दिया गया पत्र।

वहीं, शाम बीतने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्ट्रियट नहीं पहुंचे। इसके बाद कलेक्ट्रियट परिसर में ही बाहर बैठे अभ्यर्थियों को शाम में आए पुलिस बल ने बाहर जाने को कहा, लेकिन अभ्यर्थियों ने उन्हें बताया है कि हमारी एडीएम सर बात हुई है और हमे बाहर रूकने को कहा है। इस पर पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि 5 बजे के बाद यहां नहीं बैठ सकते हैं, लेकिन अभ्यर्थियों ने कहा कि आप हमें यहां से जाने को जो कह रहे हैं तो क्या हम कुछ नहीं है। 

फिर क्या था पुलिस पदाधिकारी ने अपना रौब दिखाते हुए कहा कि तुम लोग क्या हो, कलेक्टर हो-कलेक्टर हो, चलो जाओ यहां से। इसके बाद यही पुलिस पदाधिकारी वर्दी की धौंस दिखाते हुए पूरे प्रकरण का वीडियो बना रहे अभ्यर्थी की तरफ लपके और उसे कैमेरे को बंद करने को कहा। मामला इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते पुलिस वालों ने कलेक्ट्रियट में ही अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें 6 अभ्यर्थी घायल हो गए, जिसमें 4 को अधिक चोटें आईं, जिनका इलाज अब भी चल रहा है। 

अब सवाल ये उठता है कि जिला नियोजन इकाई की लापरवाही सामने तो आ रही है, लेकिन बार-बार शिक्षा विभाग की ओर से वरीय अधिकारी के तरफ से कार्रवाई करने के आदेश जारी तो किए जाते हैं, लेकिन यह सिफ कोरे कागज के समान ही रह जाता है, जिसका खामियाजा लाखों अभ्यर्थियों को उठाना पड़ रहा है। बता दें कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि 2 जनवरी तक प्रोविजनल लिस्ट आपत्ति के साथ जारी हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ है। 



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