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फरियादी की डिमांड पर CM नीतीश बोले- अजीब मांग है.....आपके जैसे तो बिहार में बहुत लोग हैं, तब तो नियम बनाना पड़ेगा

फरियादी की डिमांड पर CM नीतीश बोले- अजीब मांग है.....आपके जैसे तो बिहार में बहुत लोग हैं, तब तो नियम बनाना पड़ेगा

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में शामिल होकर लोगों की समस्या सुन रहे। बक्सर से आये एक शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि भोजपुरी गाने और फिल्मों में अश्लीलता रोकने की जरूरत है।फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि भोजपुरी गाने और फिल्मों के नाम पर खुलेआम अश्लीलता परोसा जा रहा। लेकिन सरकार से स्तर से उसे रोकने की कोई व्यवस्था नहीं। इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा कि इनके सुझाव को देखिये और उस पर विचार करें। वहीं एक लेखक की मांग पर सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के बहुत लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं तब तो सबको मदद करनी पड़ेगी।

बिहार में तो बहुत आर्थिक रूप से कमजोर हैं-CM

दरअसल, एक लेखक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में फरियाद किया कि उन्हें आर्थिक मदद की जाये। वे लेखक हैं और कई किताबें लिख चुके हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से लेखनी पर प्रभाव पड़ रहा। इसमें आप मदद करिए और आर्थिक सहायता कीजिए। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत सारे लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं। तब तो सबको आर्थिक रूप से मदद करना पड़ेगा। आपको मदद करने के लिए हमें अलग से नियम बनाना पड़ेगा। 


भागलपुर से आई एक महिला ने सीएम नीतीश से शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप था कि आंगनबाड़ी सेविका चयन में गड़बड़ी की जा रही है। इस पर सीएम नीतीश ने समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन कर मामले को देखने को कहा। वहीं एक दूसरी महिला ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके पति की मौत कोरोना से हो गई। सरकार की तरफ से जो देय राशि है वो नहीं अब तक नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अफसर को फोन कहा कि क्यों नहीं दिया जा रहा। हमने तो पिछली बार ही कह दिया था कि जितने लोगों का बकाया है उनलोगों को दीजिए। फिर क्यों नहीं मिला रहा?

 नवंबर महीने के दूसरे सोमवार को सीएम नीतीश स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायत को सुन रहे। शिकायत सुनने के बाद वे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे।

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