नवरात्रि के पहले दिन अखण्डवासिनी मंदिर के सदस्यों ने निकाली कलश यात्रा, 9 दिन होगी विशेष पूजा

PATNA : शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन पटना के गोलघर पार्क रोड स्थित अखण्डवासिनी मंदिर के सदस्यों ने कलश यात्रा निकाली. वहीं इसके बाद मंदिर परिसर में कलश स्थापित किया गया. कलश स्थापना से पहले अखण्डवासिनी मंदिर के पुजारी बासुकीनाथ तिवारी, विशाल तिवारी समेत मंदिर समिति के अन्य सदस्य व श्रद्धालु कलश में जल भरने गंगा नदी के किनारे पहुंचे. 


श्रद्धालुओं ने उत्साह

वहां श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आराधना की और कलश में जल भरकर कलश यात्रा निकालते हुए अखण्डवासिनी मंदिर पहुंचे. इस अवसर पर पुजारी विशाल तिवारी ने बताया की नवरात्रि के पहले दिन हमलोग मंदिर के अन्य श्रद्धालुओं के साथ गंगा जी जाते हैं और वहां से कलश में जल लेकर आते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच असीम श्रद्धा देखने को मिलती है. 

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा 

विशाल तिवारी ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. हिमालय की पुत्री होने के कारण माता रानी को शैलपुत्री कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने से मान-सम्मान में वृद्धि व उत्तम सेहत प्राप्त होती है. मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र अतिप्रिय हैं.

अखण्डवासिनी मंदिर में खास तैयारी

पुजारी विशाल तिवारी ने बताया कि इस बार भी अखण्डवासिनी मंदिर में नवरात्रि और दुर्गा पूजा को लेकर विशेष तैयारी की गई है. नवरात्रि के 9 दिन विशेष रूप से पूजा की जाएगी. पहले दिन कलश यात्रा, कलश पूजन, शैलपुत्री पूजन, दर्शन, आवरण, चंडी पाठ एवं त्रिकाल आरती का आयोजन का कार्यक्रम है. इसी तरह नवरात्रि के 9 दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी. 4 अक्टूबर को नवमी के दिन शाम 7 बजे से भंडारा का आयोजन किया जाएगा. वहीं 2, 3 और 4 अक्टूबर को भजन कार्यक्रम भी होगा.बता दें अखण्डवासिनी मंदिर में पिछले 108 सालों से भी अधिक समय से अखंड दीपक जल रहा है. पूजा विशाल तिवारी का कहना है कि इस मंदिर में भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यहाँ मां अखण्डवासिनी को विशेष रूप से उड़हुल का फूल, सिंदूर और हल्दी चढ़ाया जाता है.