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सीएए लागू होने के एक महीने बाद भारतीय नागरिकता के लिए अब तक आए कितने आवेदन, हैरान करने वाला आंकड़ा, बढ़ाई चिंता

सीएए लागू होने के एक महीने बाद भारतीय नागरिकता के लिए अब तक आए कितने आवेदन, हैरान करने वाला आंकड़ा, बढ़ाई चिंता

DESK. लोकसभा चुनावों की घोषणा के ठीक पहले 11 मार्च को देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू हुआ था. सीएए को वैसे करोड़ों के लिए एक बड़ी खुशखबरी के रूप में देखा गया जो पड़ोसी देशों से दशकों पहले भारत आए और अब तक उन्हें भारत की नागरिकता का इंतजार है. सीएए लागू होने पर 11 मार्च के बाद पश्चिम बंगाल और असम से निकलकर कई ऐसी तस्वीरें आई जिसमें लोगों को खुशी मनाते देखा गया. दावा किया गया कि दोनों राज्यों में करीब 2.10 करोड़ ऐसे लोग हैं जो भारतीय नागरिकता चाहते हैं. उन्हें अब सीएए लागू होने के बाद नागरिकता मिल सकती है. 

हालांकि जिस जोर-शोर से सीएए को लेकर बड़ी बड़ी बातें की गई सीएए लागू होने के बाद अब वैसा उत्साह नहीं दिख रहा है. ना ही असम और ना ही पश्चिम बंगाल या बिहार जैसे किसी राज्य में सीएए को लेकर कोई उत्साह है. इसका पता इसी से चलता है कि सीएए के बाद भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने वालों की संख्या बेहद कम है. यहां तक कि पश्चिम बंगाल और बिहार में तो एक महीने में एक ही आवेदन नहीं आया है. 

दरअसल, पहले एक महीने में यानी 11 मार्च से 10 अप्रैल के बीच असम में सिर्फ एक व्यक्ति ने आवेदन किया है. असम में करीब 10 लाख आवेदन आने की संभावना जताई गई थी लेकिन ऐसा कुछ भी फ़िलहाल नहीं दिखा है. वहीं पश्चिम बंगाल, बिहार में एक भी आवेदन नहीं आया. इसी तरह पश्चिम बंगाल में सिर्फ मतुआ 3.55 करोड़ तो राजबंशी समुदाय में 40 लाख लोग हैं जिन्हें लेकर कहा जा रहा था कि वे भारतीय नागरिकता के लिए बढ़चढ़ कर आगे आएंगे. लेकिन पहले महीने में ऐसा कुछ नहीं हुआ. 

लोकसभा चुनाव की घोषणा 16 मार्च को हुई. वहीं सीएए लागू करने की घोषणा 11 मार्च को हुई. ऐसे में इस बार के संसदीय चुनाव में सीएए को एक बड़े मुद्दे के रूप में देखा जा रहा था. माना जा रहा था कि सीएए को लेकर असम, बंगाल में बड़े स्तर पर सियासत चमकाई जाएगी. लेकिन एक महीने में सिर्फ एक आवेदन आने से अभी तक यह किसी ऐसे नंबर के रूप में नहीं आया है जो चुनावों में किसी बड़े दावे के रूप में पेश किया जाये. हालांकि एक ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईद के अवसर पर भी दोहराया कि राज्य में सीएए लागू नहीं होगा. वहीं असम में सीएए को लेकर जोरदार बयानबाजी जारी है. बिहार में भी सीएए पर राजद ने अपने तीखे तेवर दिखाए हैं. 

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