N4N DESK : लोकसभा के बीते मॉनसून सत्र में ऐसा लगा की राजनीतिक दल कोई भी हो. सबकी प्राथकमिकताओं में सबसे पहले महिला उत्थान ही है. यही वजह रही की नारी शक्ति वंदन बिल संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित हो गया. विपक्ष ने भी इस बिल का समर्थन किया. हालाकि इसे लागू होने में अभी वक्त है. कितना वक्त लगेगा, ये भी अभी साफ नहीं है. पर इतना तय है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महिला आरक्षण बिल लागू नहीं किया जाएगा.
बिहार की बात करें तो एनडीए हो या फिर महागठबंधन. सबने नारी नारी शक्ति वंदन विधेयक का समर्थन किया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट देने की बात आती है तो बिहार में बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी पीछे खड़े नजर आते हैं. मौजूदा वक्त में बिहार में 40 लोकसभा सीट है. इन 40 लोकसभा सीट में सिर्फ 3 सीट पर महिला सांसद है. सीवान लोकसभा से कविता सिंह, शिवहर से रामा देवी और वैशाली से वीणा देवी हैं. राजनीतिक दलों ने महिला आरक्षण बिल का सपोर्ट तो कर दिया, पर क्या आगामी लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी. जानकार बताते हैं कि बिहार में कोई भी राजनीतिक दल इस बार पीछे खड़ा नजर नहीं आना चाहेगा. बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी में पहले के मुकाबले इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ेगी. अंदरखाने से तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर काम करना शुरू भी कर दिया है. अच्छे, दमदार और जीताऊ उम्मीदवार की खोजबीन शुरू हो गई है.
2019 में महागठबंधन में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में आरजेडी को 20, कांग्रेस को 9, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को 5, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को 3, वीआईपी को 3 और सीपीआईएमएल को आरजेडी कोटे से एक सीट दी गई थी. बात करें तो आरजेडी ने 3 सीट पर महिला उम्मीदवार उतारा था. जिसमें नवादा से विभा देवी, पाटलिपुत्र से मीसा भारती, सीवान से हीना शहाब थी. कांग्रेस ने सुपौल से रंजीता रंजन, मुंगेर से नीलम देवी, सासाराम से मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया था. तब 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार एनडीए की तरफ से सिर्फ 3 महिलाओं को ही टिकट दिया गया था और तीनों लोकसभा चुनाव जीत गई थी. बीजेपी से शिवहर लोकसभा से रमा देवी और लोजपा ने वैशाली से वीणा और जेडीयू से कविता सिंह (2019 में जेडीयू थी एनडीए का हिस्सा ) उम्मीदवार थी.
17 वीं लोकसभा में सबसे अधिक महिलाएं चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. लोकसभा में 542 सांसदों में से 78 महिलाएं जीती थीं. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल 11-11 महिलाएं, बिहार में 3 महिला चुनाव जीती थीं. इस तरह 17वीं लोकसभा में 14 प्रतिशत से अधिक महिला सांसद पहुंची थीं. यह 1952 के बाद से सबसे अधिक महिला सांसद थीं. 2014 में 16वीं लोकसभा में 64 महिलाएं जीतीं थीं। वहीं 15वीं लोकसभा के लिए 52 महिलाएं चुनी गईं थीं. ऐसे में कहा जा रहा है कि 18 वीं लोकसभा में महिलाओं की संख्या और भी बढ़ेगी.
देबांशु प्रभात की रिपोर्ट