100 प्रतिशत पेंशन रोकने के बिहार सचिवालय के आदेश को पटना हाईकोर्ट ने किया रद्द, लगाया एक लाख रुपये का जुर्माना

पटना. हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य के सचिवालय अधिकारियों पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। जस्टिस पीवी बजनथ्री ने वासुदेव दास की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया है।
याचिकाकर्ता वासुदेव दास ने हाईकोर्ट के समक्ष उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा एक आदेश जारी कर उनके सौ फ़ीसदी पेंशन बिना किसी अंतिम आदेश को पारित किए और बिहार पेंशन नियम की धारा 43 (बी) के तहत विभागीय कार्यवाही में याचिकाकर्ता को सूचित किए बगैर रोका गया था।
कोर्ट ने रिकार्ड के अवलोकन से यह पाया कि याचिकाकर्ता पर सोलह आरोपों में से केवल एक आरोप साबित होता है। इसके अलावा, अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरा नहीं करने के बावजूद याचिकाकर्ता को दो मौकों पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया गया था।
याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही में अंतिम आदेश पारित नहीं किया है। इसके विपरीत, याचिकाकर्ता की सेवानिवृत्ति के बाद सचिवालय के कार्यालय से महालेखाकार के कार्यालय में याचिकाकर्ता की पेंशन से सौ फीसदी पेंशन काटने के लिए एक आंतरिक संचार था।
इन परिस्थितियों के मद्देनज़र हाईकोर्ट ने सचिवालय में पदस्थापित पदाधिकारियों का जुर्माना लगाया है। जिसे प्रतिवादियों को हाईकोर्ट के लीगल सर्विसेज़ कमेटी में दो माह में जमा करवाना है।