पटना हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के आरोपी को दी राहत, दस साल की सजा से किया मुक्त, दी रिहाई

पटना हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के आरोपी को दी राहत, दस साल की सजा से किया मुक्त, दी रिहाई

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय से हत्या के प्रयास में दस साल की सजा पाए अभियुक्त को रिहा कर दिया। जस्टिस आलोक कुमार पांडेय ने चंदन कुमार मंडल की अपील याचिका पर स्वीकृति देते हुए उसे रिहा कर दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 06.09.2016 को शाम करीब 7.30 बजे जब वह शौच के लिए जा रही थी,तब वहां अपीलकर्ता और अन्य लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसको मारने के इरादे से चाकू से वार किया। जिसके परिणामस्वरूप उसकी गर्दन और पेट के दाहिने हिस्से में चोटें आईं और वह जमीन पर गिर गई। चीख सुनकर पीड़िता का पति और अन्य ग्रामीण जब आये, तो  अपीलकर्ता और अन्य लोगो मौके से भाग गए।

याचिकाकर्ता पर आईपीसी की धारा 307, 324 और 341 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिस पर निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए धारा 307 के तहत पांच हजार रुपये के जुर्माने के साथ दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही आईपीसी की धारा 324 के तहत अपराध के लिए एक हजार के जुर्माने के साथ तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोहर प्रसाद सिंह ने कोर्ट में दलील दी थी कि प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी की गई। उन्होंने कोर्ट को बताया की घटनास्थल के विवरण में परस्पर विरोधाभास पाया गया है। 

एपीपी एएमपी मेहता ने याचिका का कड़ा विरोध किया। तथ्यों का अवलोकन कर अदालत ने याचिकाकर्ता की 6 साल की हिरासत के मद्देनजर उसे रिहा कर दिया और उसकी शेष सजा को खत्म कर दिया।

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