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पटना हाईकोर्ट ने एमबीए की छात्रा के अपहरण मामले पर की सुनवाई, पुलिस की कार्यकलापों पर जताई नाराजगी

पटना हाईकोर्ट ने एमबीए की छात्रा के अपहरण मामले पर की सुनवाई, पुलिस की कार्यकलापों पर जताई नाराजगी

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस की कार्यकलापों पर तीखी आलोचना की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस संवेदनशील नहीं है। यदि संवेदनशील होती,तो पिछले एक साल से अपहृत एमबीए के छात्रा को खोज निकालती। इस मामलें की सुनवाई जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद कर रहे है। कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट इस केस को सीबीआई को सौंपने जा रही थी, तो राज्य सरकार ने आनन फानन में मामले को सीआईडी को सौंप दिया। पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर से अपहृत एमबीए छात्रा को बरामद करने के लिए दायर याचिका पर हर शुक्रवार को सुनवाई की जा रही है।

सुनवाई के दौरान सीआइडी के डीआईजी दलजीत सिंह और मुजफ्फपुर के एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित हुए। डीआईजी ने कोर्ट को बताया कि संवेदनशील मामले और मीडिया में हाई लाइट मामलों की जांच सीआईडी करती हैं। उनका कहना था कि इस मामले को तकनीकी तरीके से जांच की जा रही हैं। सीआईडी अपने तेजतर्रार अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में कुछ सुराग मिला है।

वही आवेदक की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में इस केस के महिला पुलिस जांच अधिकारी, जो दो दिनों तक संदिग्ध को थाने में रख बगैर पूछ ताछ किये उसे छोड़ने वाली को एसआईटी में रखने पर सवाल खड़ा किये। इस पर डीआईजी ने कोर्ट को बताया कि महिला पुलिस अधिकारी को हटा किसी दूसरे महिला पुलिस अधिकारी को शामिल करने की कार्रवाई की जा रही है। वही कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट किसी केस में कड़ा रुख अख्तियार करता है,तभी सरकार की नींद खुलती है। एक साल से अपहृत छात्रा के परिजन डीजीपी सहित सभी पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई, तब क्यों नहीं पुलिस इसे संवेदनसील मुद्दा मान जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपी। कोर्ट ने कहा कि पुलिस संवेदनशील नहीं है। कोर्ट का एक ही उद्देश्य है कि नागरिकों के प्रति पुलिस संवेदनशील रहें।बोलने के समय बहुत कुछ बोला जाता हैं ,लेकिन जब करने की बारी आती हैं,तब कुछ नहीं किया जाता हैं। कोर्ट ने कहा कि सीआईडी से बहुत उम्मीद है। कोर्ट ने मामले पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करने का आदेश दिया।

गौरतलब मुजफ्फरपुर के एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा का अपहरण भगवान पुर चौक से गत वर्ष 12 दिसम्बर को किया गया था। अपहृत लड़की के नाना ने मुजफ्फपुर के सदर थाना में प्राथमिकी 844/2022 दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि सोनू कुमार ने दो महिला के साथ मिल भगवानपुर चौक से नशे का इंजेक्शन दे अपहरण कर लिया है,और लड़की को चतुर्भुज स्थान में बेच दिया है। यह पता चलने के बाद भी पुलिस ने सोनू से पूछताछ तक नहीं की। बाद में पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया। दोनों ने पुलिस को कई तथ्यों की जानकारी दी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन साइबर क्राइम ब्रांच ने इस केस के अनुसन्धानकर्ता पुलिस को दो तीन बिंदुओं पर जांच करने की सलाह दी। फिर भी पुलिस ने कुछ नहीं किया। इसके बाद हाईकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर बच्ची को बरामदगी की गुहार लगाई गई।

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