PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों की खस्ताहाल स्थिति को काफी गम्भीरता से लिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में ब्यौरा तलब किया है।
कोर्ट ने कोर्ट में उपस्थित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से जानना चाहा की राज्य के सरकारी कालेजों, सेकंड्री और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव क्यों है। कोर्ट ने ये भी पूछा कि राज्य के स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र क्यों पढ़ना छोड़ देते है। कोर्ट ने उपस्थित अधिकारी से जानना चाहा की राज्य में शिक्षा के मद में कितना बजट रखा गया है। कोर्ट को बताया गया कि राज्य में शिक्षा के लिए 51 हज़ार करोड़ रुपए है, जो कि कुल बजट के बीस फीसदी से अधिक है।
पिछली सुनवाई में पटना के दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को तलब किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया की कालेज में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्राओं को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस जनहित याचिका में ये भी माँग की गई कि छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए।
कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया की बी एस कालेज,दानापुर के बाउंड्री निर्माण का काम छह माह में पूरा कर लिया जाएगा। कालेज में शौचालय बनाने का काम 30 अक्टूबर,2022 तक पूरा हो जाएगा। साथ ही लेबोरेट्री बनाने का कार्य भी तीन माह में पूरा हो जाएगा। इस मामलें पर अगली सुनवाई 30 नवंबर,2022 को होगी।