DESK: बिहार की जनता जल्द से जल्द मेट्रो प्रोजेक्ट के पूरे होने का इंतजार कर रही है। हालांकि अभी इसमें और लंबा वक्त लगने वाला है, लेकिन फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि पटना मेट्रो का काम अगले महीने, यानी की अगस्त माह से गति पकड़ेगा। इसी सिलसिले में पटना में पहले से कई प्रोजेक्ट बना चुकी L&T कंपनी पर भरोसा करते हुए दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह कंपनी 2 सुरंग सहित 6 अंडरग्राउंड स्टेशनों का निर्माण करेगी।
लार्सेन एंड टर्बो प्राइवेट लिमिटेड को ट्विन टनल्स, राजेंद्र नगर पर एक अंडरग्राउंड रैंप और राजेंद्र नगर से लेकर आकाशवाणी तक 6 अंडरग्राउंड स्टेशन जो की कॉरिडोर-2 का हिस्सा है, उसके निर्माण के लिए चुना गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (DMRC) को पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के सामान्य सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके अनुसार एल एंड टी ने कॉरिडोर-2 जो कि पटना जंक्शन से न्यू ISBT तक 14.5 किलोमीटर लम्बी है, उसके लिए हुई वित्तीय बोली में सबसे कम कीमत की बिडिंग की थी। बोली में 4 कंपनियां शामिल हुई थी। यह कंपनी 42 महीनों में करीब 1,958 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर जुड़वा सुरंग, अंडरग्राउंड रैंप और स्टेशनों का डिजाइन और निर्माण करेगी।
14.5 किलोमीटर में से 7.9 किलोमीटर के अंडरग्राउंड हिस्से में राजेंद्र नगर, मोइन-उल-हक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, PMCH, गांधी मैदान और आकाशवाणी पर स्टेशन होंगे। साथ ही इनमें वास्तुशिल्प, वाटर सप्लाई, स्वच्छता और जल निकासी के कार्य, एंट्री/एग्जिट और कनेक्टिंग सब-वे होंगे।