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जनता कंगाल..नेताजी मालामाल ! BJP सांसद को जमीन की भूख... 2022 में सिर्फ एक दिन में एक ही जगह पर 15 करोड़ की खऱीदी जमीन, चौंकिए मत सौ फीसदी सच्चाई है...जान लीजिए..

जनता कंगाल..नेताजी मालामाल ! BJP सांसद को जमीन की भूख... 2022 में सिर्फ एक दिन में एक ही जगह पर 15 करोड़ की खऱीदी जमीन, चौंकिए मत सौ फीसदी सच्चाई है...जान लीजिए..

PATNA: लोकसभा का चुनाव नजदीक आ गया है। इन पांच सालों में चुने हुए सांसदों ने जनता की भलाई के लिए क्या कुछ किया, इसके हिसाब-किताब का समय आ गया है. नेताजी एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. कई ऐसे भी नेता हैं जो लहरों पर सवार होकर चुनाव जीतते आए हैं और इस बार भी लहर पर ही भरोसा है. लहर नहीं तो जीत की गारंटी नहीं. कई ऐसे भी सांसद हैं जो जनता को आबाद करने की बजाय खुद ही आबाद होने में लगे हैं. क्षेत्र का विकास गया तेल लेने, खुद के विकास में ही सांसद महोदय लग गए, तभी तो एक दिन में करोड़ों की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम पर करा रहे. जनता का सेवक बताते-बताते नेताजी हो गए जमींदार. ''जनता कंगाल..नेताजी मालामाल'' . यह उस दल के सांसद की कहानी है जिसके सबसे बड़े नेता कहते नहीं थकते कि न खायेंगे और न खाने देंगे. 

भाजपा सांसद ने एक दिन में खरीदी लगभग 15 करोड़ की जमीन 

जनता कंगाल नेताजी माला माल की इस कड़ी में आज हम भाजपा के एक सांसद के बारे में बताने जा रहे हैं. आज वर्ष 2022 में संपर्ति अर्जन की चर्चा होगी. भाजपा के उम्रदराज सांसद ने 2021 की तरह ही वर्ष 2022 में भी अपने नाम पर जमीन की बड़ी डील की है. 2021 की खबर हमने पहले एपिसोड (3 जनवरी) में बता चुके हैं. 2022 में उम्रदराज सांसद महोदय ने अपने संसदीय क्षेत्र के मुख्यालय के ठीक बगल में राष्ट्रीय राज मार्ग और वि.वि.से सटे लगभग 170 डिसमिल (55 कट्ठा) आवासीय जमीन की खरीद अपने नाम पर की है. जानकार बताते हैं कि उक्त जमीन की वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 15 करोड़ रू है. वैसे सरकारी रेट तो एक करोड़ रू से कम ही बताया गया है. सांसद महोदय ने जमीन की रजिस्ट्री कराने में अपना पेशा कृषि बताया है. 

सांसद ने मई 2022 में 170 डिसमिल आवासीय जमीन कराई रजिस्ट्री  

दरअसल, भाजपा के उम्रदराज सांसद ने अप्रैल 2022 में अपने नाम पर जमीन रजिस्ट्री को लेकर संसदीय मुख्यालय के निबंधन कार्यालय में कागजात जमा किया. लेकिन उस दिन रजिस्ट्री नहीं हो पाई. सांसद महोदय के नाम पर जमीन की फाईनल रजिस्ट्री 12 मई 2022 को हुई. भाजपा सांसद के नाम पर 2021 और 2022 में जमीन की रजिस्ट्री करने वाले पार्टी के ही नेता हैं. सांसद महोदय ने 2022 में भी गुप्ता जी (पिता-पुत्र) से जमीन लिखवा ली. जमीन की कुल तीन खातों से निबंधन कराया गया. पहले खाते से 76, दूसरे से 7 और तीसरे खाते से लगभग 90 डिसमिल जमीन की खरीद की गई. यानि कुल 170 डिसमिल से अधिक आवासीय भूमि की खरीद भाजपा सांसद ने 2022 में एक दिन में की है. सरकारी रेट लगभग 85 लाख दिया गया है. यह जमीन शहर से सटे एक चर्चित टाउनशिप के बगल में है. उत्तर चौहद्दी में  #### विहार टाउनशिप का नाम दिया गया है. सांसद महोदय द्वारा लगातार जमीन खऱीद की चर्चा चहुंओर होने लगी है. बेशकीमती जमीन खऱीदने के कागजात न्यूज4नेशन के हाथ लगे हैं., उसी आधार पर हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं.  

सांसद महोदय ने 2021 में भी एक दिन में ही खरीदी 30 कट्ठा आवासीय जमीन 

भाजपा सांसद महोदय ने नवंबर 2021 में भी संसदीय क्षेत्र के एक स्थानीय नेता (गुप्ताजी) से लगभग 90 डिसमिल आवासीय जमीन की खरीद की. इस जमीन का निबंधन संसदीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय स्थित निबंधन कार्यालय से ही कराई गई थी. कागजात के अनुसार माननीय सांसद ने उक्त आवासीय जमीन को अपने नाम पर रजिस्ट्री कराई है. वह जमीन जिला मुख्यालय से महज 5-7 किमी की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग से थोड़ा हटकर है. यानि पूर्ण आवासीय है. कागजात में भी उक्त जमीन को आवासीय बताया गया है. सरकारी वैल्यू लगभग 30 लाख से अधिक बताई गई है. 

दल के नेता से ही सांसद ने ली जमीन 

बता दें, सूबे के एतिहासिक जिला से ताल्लुक रखने वाले उम्रदराज सांसद महोदय ने अपने संसदीय क्षेत्र के ही एक बेहद खास नेता(गुप्ता जी) से जमीन ली है. जिनसे अपने नाम पर जमीन कराई है वो भी पार्टी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं. पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं. 2015 में ऐतिहासिक जिले की एक विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं,हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वे बेहद सरल स्वभाव के नेता माने जाते हैं. कहा जाता है कि सांसद महोदय के चक्कर में वे अपना काफी कुछ नुकसान भी करा बैठे हैं. वे भी अपने सांसद से काफी परेशान रहते हैं. 

केंद्रीय संगठन और सरकार दोनों में संभाल चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी 

जिस भाजपा सांसद की संपत्ति के बारे में जानकारी है, वे ऐतिहासिक जगह बापू की कर्मस्थली से चुन कर आते हैं. पार्टी ने उन्हें काफी सम्मान भी दिया, प्रदेश चलाने की जिम्मेदारी भी दी थी. केंद्र में भी वजीर बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में भी अहम पद दिया गया था. वे लगातार कई टर्म से चुनाव जीतते आ रहे हैं. फिर भी अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी लाइन पार करने से भी बाज नहीं आते. 2022 में विप चुनाव में सांसद महोदय ने खुलकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ में काम किया था. इसकी जानकारी प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व को भी है. पार्टी लाईन पार करने के बाद भी नेतृत्व ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. अपने संसदीय क्षेत्र में उम्रदराज सांसद महोदय को भीष्म पितामह के रूप में भी जाना जाता है. इस बार टिकट मिलेगा या नहीं इस पर सभी लोग कंफ्यूज हैं. 

गांधी की कर्मभूमि की जनता अपने सांसद से पूछे- क्षेत्र के विकास की जगह अपना विकास करने लगे ? 

दरअसल, वोटरों को जानने की जरूरत है,कि जिसे हम अपना बहुमूल्य वोट देते हैं उन्होंने जनता के लिए कितना और अपने लिए क्या किया है....यह खबर वोटरों की आंख खोलने के लिए काफी है. शायद ही भाजपा के कोई सांसद होगें, जिन्होंने खुद के नाम पर 2021 और 2022 में इतनी प्रोपर्टी बनाई होगी. आखिर इतनी संपत्ति खऱीदने को पैसा कहां से आया? इसका जवाब तो वे खुद ही दे सकते हैं या नेतृत्व पूछ सकता है . नहीं तो आम जनता अपने सांसद से सवाल करे कि आखिर संसदीय क्षेत्र के विकास करने की बजाय आप अपना ही विकास करने में जुट गए ? फिर से आपको वोट क्यों.....

जमीन रजिस्ट्री कराने की असली वजह अगली कड़ी में बताएंगे

अगली कड़ी में हम सांसद महोदय द्वारा जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम पर कराने की असली वजह बताएँगे. बताएँगे कि जमीन कहां से आई, जिनसे जमीन अपने नाम पर कराई उन्होंने उक्त जमीन की खऱीद कब की ? कहीं इसके पीछे बड़ा खेल तो नहीं ? जानकार दो बातें बताते हैं. अगली कड़ी में हम जमीन के खेल का पूरा खुलासा करेंगे.  

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