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पीएम मोदी के कृषि राज्य मंत्री का दावा- नीतीश सरकार की नीतियों के कारण मोकामा टाल में हो रहा जलजमाव, किसानों की मांग - टाल क्षेत्र को बनाएं कृषि तकनीकी हब

पीएम मोदी के कृषि राज्य मंत्री का दावा- नीतीश सरकार की नीतियों के कारण मोकामा टाल में हो रहा जलजमाव, किसानों की मांग - टाल क्षेत्र को बनाएं कृषि तकनीकी हब

पटना. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शनिवार को पटना जिले में मोकामा पहुंचे. यहां मोकामा टाल की विविध समस्याओं को लेकर स्थानीय किसानों की ओर से उन्हें एक ज्ञापन सौपा गया. 502,साई सदन मोकामा में आयोजित अभिनंदन समारोह में भाजपा नेता ललन सिंह, जिलाध्यक्ष डॉक्टर सियाराम सिंह, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनोज कुमार, सोनम देवी आदि ने उनका स्वागत किया. मोकामा टाल में हर साल देर तक हो रहे जल जमाव के लिए कृषि राज्य मंत्री ने बिहार सरकार को दोषी करार दिया. उन्होंने बिहार सरकर की गलत नीतियों के कारण टाल के इलाके में जलजमाव होना बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकर को निश्चित रूप से इसके लिए पहल करनी चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में जो भी सहयोग होगा उसके लिए हम जरुर मदद करेंगे. उन्होंने राज्य में उर्वरक की कमी के लिए लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार बताया. 

इस अवसर पर प्रगतिशील किसान चंदन कुमार ने मोकामा-बड़हिया टाल के किसानों की ओर से कैलाश चौधरी को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें  विविध मुद्दों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया और इस क्षेत्र को कृषि तकनीकी हब बनाने की मांग की गई. ज्ञापन में कहा गया कि भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर से दलहन अनुसंधान केंद्र, मोकामा को तकनीकी से संबद्ध किये जाने की जरूरत है ताकि स्थानीय कृषिक्षेत्र में मौसम परिवर्तन के साथ शोधपरक कार्यों के जरिए टाल क्षेत्र के किसानों की पैदावार बढ़ाने में मदद मिल सके।  भारतीय खरपतवार अनुसंधान संस्थान जबलपुर के माध्यम से  टीम गठित कर टाल क्षेत्र में अॅकटा/खर-पतवार के नियंत्रण हेतु वैज्ञानिकों की टीम गठित कर किसानों को समुचित मार्गदर्शन दिया जाए। जिससे खरपतवार नियंत्रण कर दलहनी फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

दलहनी फसलों की कटाई बड़ी समस्या है। गेहूॅऺ ,धान एवं मक्का के लिए कृषि यंत्र की व्यवस्था है परंतु दलहनी फसलों के लिए कोइ व्यवस्था नहीं है। दलहनी फसलों के कृषि यंत्र हेतु  केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल से  टीम गठित कर दलहनी फसलों के लिए बड़े एवं छोटे -छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झाॅऺसी के उन्नत तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए मोकामा क्षेत्र में IGFRI के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का टीम गठित कर प्रत्येक वर्ष पशुपालकों को तकनीकी से जोड़ा जाय उन्नत प्रभेदों  एक वर्षीय एवं बहुवर्षीय चार व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए जिससे मोकामा क्षेत्र को तकनीकी हब बनाया जा सकें इससे आस पास सभी जिलों के पशुपालकों  के साथ पुरे बिहार के पशुपालकों लाभान्वित होंगे।

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर  में कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों का समय- समय पर टाल क्षेत्र का दौर सुनिश्चित किया जाए।जिसका अब तक सर्वथा अभाव रहा है। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना  का स्थापित होने के उपरांत आज़ तक मोकामा क्षेत्र में वैज्ञानिकों का टीम  का आभाव रहा है। क्षेत्र में पशुपालकों का जानकारी के अभाव में पशु कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। श्री कृष्ण गोशाला मोकामा में प्रत्येक बर्ष में दो बार पुरे वैज्ञानिकों के टीम के द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किया जाए। जिससे पशुपालकों को तकनीकी जानकारी से आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिलेगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर टाल क्षेत्र के नाम पर जीवन यापन करने वाले कृषि वैज्ञानिकों को बुआई से लें कर भंडारण तक समय समय पर किसानों के खेतों में भेजने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।


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