BANKA : जिले के बाराहाट प्रभारी थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली की परघड़ी गांव में नकली शराब फैक्ट्री संचालित किया जा रहा है। सूचना मिलते ही बाराहाट थाना प्रभारी राजू ठाकुर ने इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी और तुरंत ही एक टीम गठित कर प्रभारी थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ परघड़ी गांव पहुंचकर छापेमारी की। इस दौरान मंटू साह के दो मंजिला इमारत में शराब बनाने के रासायनिक घोल, कई नामी कंपनियों के रैपर्स, खाली बोतल, बोतल के ढक्कन, बोतल को सील करने वाली मशीन आदि बरामद की गई। जैसे ही पुलिस की कार्रवाई आरंभ हुई और पुलिस को शराब बनाने के साक्ष्य मिलने पर खबर आग की तरह फ़ैल गई और पूरे आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सैकड़ो की संख्या में लोग पुलिस की कार्रवाई की खबर सुनकर देखने जुट गए। लोग आपस में काना फूसी करने लगे की इतनी घनी आबादी के बीच इस प्रकार के कार्य हो रहे थे और किसी को भनक तक नहीं लग पाई।
शराब कारोबारी कितने शातिर थे। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शराब बनाने के लिए वकायदा उन्होंने ड्राम में रासायनिक अल्कोहल जमा कर रखा था। अल्कोहल की मात्रा शराब में कितनी डाली जाए। इसके मापने के लिए भी यंत्र रखा गया था। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के दौरान घर के पुरुष सदस्य वहां से भाग निकले। लेकिन एक ललित कुमार साह उम्र 18 साल पिता सुभाष साह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। युवक को पकड़ने के क्रम में हालांकि पुलिस पदाधिकारी राजू ठाकुर अचानक अपनी जान की परवाह किए बिना दो मंजिला इमारत से कूद पड़े और इस दौरान आंशिक रूप से जख्मी भी हो गए। हालांकि तुरंत अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें सहयोग दिया और वह फिर आगे की कार्रवाई में शामिल हो गए। पुलिस के पूछताछ के दौरान गिरफ्त में आये ललित कुमार ने इस मामले में छह अन्य लोगों के शामिल होने की भी बात कबूली है। मामले की जानकारी मिलते ही बौसी से एसडीपीओ अर्चना कुमारी एवं इंस्पेक्टर राज रतन सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस की कार्रवाई का दिशा निर्देश दिया। जांच पड़ताल में सहयोग के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान की टीम के सदस्य ने भी घटना स्थल का दौरा किया। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान प्रभारी थाना अध्यक्ष राजू ठाकुर ,पुलिस पदाधिकारी कपिल देव यादव, धर्मनाथ प्रसाद, और रमाशंकर सिंह मौजूद थे।
सूत्र के मुताबिक दामाद राहुल कुमार हंसडीया थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पहले उसने अपने ससुराल में ईट बनाने का काम शुरू किया था। उसी के आड़ में अपने हॅसडिया गांव से नकली शराब बनाने का फॉर्मूला लाया था और यहां पर बड़े पैमाने पर कारोबार शुरू कर अपने साला एवं ससुर को शामिल कर लिया। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार, छोटू कुमार, विक्रम कुमार गुड्डू शाह मंटू शाह के साथ नकली शराब बनाने का कारोबार कर रहे थे। जब इसके बारे में ग्रामीण ने पूछा तो कहा कि बड़े लोग आने वाले हैं। उसी की व्यवस्था में जुटे हुए हैं। लेकिन पता नहीं था। उसे बड़े लोग में यह शराब कहां से आ गई।
सबसे बड़ी बात है कि पंजवारा बाराहाट मुख्य मार्ग सड़क के कुछ ही दूरी पर नकली शराब की फैक्ट्री थी और किसी को भनक तक नहीं लगी। ग्रामीण ने बताया कि नकली शराब के मुख्य संचालक राहुल कुमार विक्रम कुमार पुलिस के हाथों से काफी दूर है। ईट के भट्टी में भी शराब का कारोबार हो रहा था। यहां पर ईट नहीं शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। इस संबंध में प्रभारी थानाध्यक्ष राजू ठाकुर ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि गांव में शराब का कारोबार हो रहा है। जिसके बाद उन्होंने टीम गठित कर सूचना की सत्यता के लिए छापेमारी की। जिसमें पुलिस को बड़ी मात्रा में रासायनिक अल्कोहल, शराब बंद करने के लिए शीशे की बोतल,उसके ढक्कन और कई नामी कंपनियों के रैपर्स बरामद किए हैं। इस मामले में एक युवक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी अभियान चला रही है।
बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट