ARWAL : बुधवार की अहले सुबह अरवल जिले की कुर्था पुलिस ने एएलटीएफ के सहयोग से महासमकालीन अभियान के तहत 20 लीटर देशी शराब के साथ छह व्यक्तियों का गिरफ्तार किया है। इस बाबत अरवल पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कासिम ने बताया की अरवल पुलिस द्वारा दुर्गा पूजा के अवसर पर शराब के विरुद्ध चलाए जा रहे महासमकालीन अभियान के तहत कुर्था थाना एवं एएलटीएफ द्वारा संयुक्त छापेमारी कर थाना क्षेत्र के पैनाठी गांव से कुल तीन लोगों को 10 लीटर देशी महुआ शराब एवं ग्राम मुसाढ़ी गांव से तीन लोगों को 10 लीटर देशी महुआ शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है।
यानि कुल 6 व्यक्तियों को 20 लीटर देशी महुआ शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में कुर्था थाना कांड संख्या 380/23 धारा 30(ए)बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम दर्ज किया गया है। गिरफ्तार व्यक्तियों में पैनाठी गांव निवासी इंद्रदेव मांझी उर्फ फोनु मांझी एवं रामजी मांझी मुसाढ़ी गांव निवासी संतोष कुमार एवं मनोज मांझी वही जहानाबाद जिले के निजामुद्दीपुर गांव निवासी संजय कुमार एवं जहानाबाद जिले के शकूराबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत उचिटा गांव निवासी कर्मेंद्र कुमार उर्फ कवीन्द्र कुमार और संजय कुमार शामिल है। जिसमें संतोष कुमार पिता किशुन मांझी एवं मनोज मांझी पिता सीदहीन मांझी के विरुद्ध पूर्व में भी कुर्था थाना कांड संख्या 370/22 में 30( ए)बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में आरोप पत्रित है। इस मौके पर पुलिस इंस्पेक्टर उमाशंकर सिंह,थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार,अपर थानाध्यक्ष विकास कुमार मौजूद रहे। हालांकि इस तरह से शराब के विरुद्ध अरवल पुलिस की शिकंजा कसने के बाद शराब तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है।
साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार में एक तरफ पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम मिलकर लगातार शराब के अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने की लगातार कोशिश में लगी रहती है। यहां तक कि ड्रोन के जरिए भी अवैध शराब के कारोबार की टोह ली जाती है। लेकिन तब भी शराब तस्कर अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अरवल पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कासिम ने कच्ची शराब बनाने वालों और इसका धंधा करने वालों से धंधा बंद कर वैध धंधा शुरू करने की अपील की है। पुलिस अधीक्षक ने जिले के प्रबुद्ध नागरिकों सहित महिलाओं से जिले में शराब बंदी कानून को लागू कराने में सहयोग की अपील की।
उन्होंने प्रबुद्ध लोगों से अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को देशी शराब से होने वाले नुकसान की जानकारी देकर उनसे शराब छोड़ने एवं अन्य व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए तो समाज मे बहुत बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह धंधा ग्रामीणों की उन्नति का बाधक है। शराब बेचने एवं पीने में मुकदमे होते हैं। जिसके कारण परिवार को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से काफी नुकसान होता है। कोर्ट कचहरी दौड़ने में प्राय: काफी रुपये खर्च होते हैं। इसलिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए अपनी रोजी रोटी की खातिर कोई दूसरा वैध धंधा शुरू करें। ताकि समाज मे एक अच्छा मैसेज जाए। जिससे और लोग भी प्रेरित होकर अपना नया व्यवसाय शुरू कर दें। इसमें सभी जिलेवासियों को सहयोग चाहिए।
अरवल से कुंदन की रिपोर्ट