बदल रही हैं सियासी राहें : नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी आज, पांच साल पहले इफ्तार के बाद बदल गई थी सरकार

PATNA : बिहार में इफ्तार पर जमकर सियासत की जा रही है। जहां एक सप्ताह पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया और उसमें खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे। अब जदयू की अल्पसंख्यक शाखा की  तरफ से आज इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है। जिसमें लालू परिवार सहित सभी बड़े नेताओं को भी बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि राबड़ी देवी ने इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर अपनी सहमति दे दी है। अब राबड़ी देवी और उनका परिवार यहां पहुंचता है तो कुछ दिन में यह दूसरी बार होगा, जब तेजस्वी और नीतीश कुमार एक साथ नजर आएंगे। इस बार दावत-ए-इफ्तार पार्टी का आयोजन बिहार की जेडीयू अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष सलीम परवेज (Salim Parvej Organize iftar party) कर रहे हैं

इफ्तार के क्या हैं मायने

बिहार में जिस तरह से इफ्तार पर सियासत हो रही है। उसके कई मायने तलाश जा रहे हैं। पांच साल पहले 2017 में जब नीतीश कुमार राजद की  इफ्तार पार्टी मे गए थे, तब बिहार में सरकार बदल गई थी। इस बार ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। इस बात का प्रमाण पिछले दिनों देखने को मिला था, जब राजद की इफ्तार में नीतीश कुमार लालू परिवार के साथ पूरी गर्मजोशी के साथ मिलने पहुंचे थे। जिसके बाद यह दावा किया जाने लगा कि बिहार की राजनीतिक हवा ने अपना रूख दूसरी तरफ मोड़ लिया है। 

बिहार के मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का मानना है कि वह बिहार में 'सांप्रदायिक अशांति पैदा करने' से बचने के लिए भाजपा को कड़ा संदेश देना चाहते हैं. इसलिए, वह तेजस्वी यादव और आरजेडी के साथ घनिष्ठता दिखा रहे हैं। हालांकि इससे पहले नीतीश कुमार ने भी दावत-ए-इफ्तार पार्टी दी थी, लेकिन तेजस्वी और राबड़ी देवी ने शिरकत नहीं की थी. लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार ने रिश्तों में सुधार के लिए कदम बढ़ाया है, उसके बाद इस बार राबड़ी के पूरे परिवार का इस पार्टी में शामिल होने की बात लगभग तय है।  अगर ऐसा होता है तो यह दोनों पार्टियों के लिए सकारात्मक संकेत होगा

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