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अयोध्या रेप कांड पर राजनीति तेज, सपा का बिगड़ा गणित? बसपा ने भी अखिलेश को घेरा

अयोध्या रेप कांड पर राजनीति तेज, सपा का बिगड़ा गणित? बसपा ने भी अखिलेश को घेरा

यूपी- अयोध्या हिन्दू धर्म के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. धर्म की नगरी अय़ोध्या अब अपराध को लेकर सुर्खियों में है. समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष मोहम्मद मोईद ने अपनी बेकरी दुकान में काम करने बाली एक नबालिग बच्ची को अपना हवस का शिकार बनाया और उसका अश्लील वीडियो बनाकर लगातार उसके साथ य़ौन शोषण करता रहा .  इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता दो महीने की गर्भवती हो गई.पीड़िता के परिजनों ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की . पीड़िता के परिजनों का आरोप लगाया कि शुरूआत में आरोपी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.  लेकिन बाद में विहिप, बजरंग दल और निषाद पार्टी के लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताया तो पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की .

पुलिस ने आरोपी मोईद खान सहित दो लोगों को सलाखो के साये में ले लिया.  पीड़िता की मां ने थानेदार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया. मामला एसपी तक पहुचा तब जाकर सपा के रसूखदार नेता पर केस दर्ज हो पाया .

 योगी सरकार नें इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में   पूराकलंदर थानाध्यक्ष रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता और भगरसा पुलिस चौकी के सिपाही रोहित यादव को सस्पेंड कर दिया गया हैं और मुख्य आरोपी की अवैध संपत्ति पर सरकार द्वारा बुलडोजर चलाया गया .

 इस मामले पर सीएम योगी ने कड़ा रुख अपनाया है. सीएम ने विधानसभा में सपा को नसीहत देते हुए कहा था कि वे प्रतिष्ठा के लिए सीएम नहीं बने हैं, जो भी अपराध करेगा उसे सजा मिलेगी, इसके बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया भाजपा के नेता पीड़ित से मिलने पहुंच गए. पीड़िता से मुलाकात के बाद प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री और  भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने कहा कि धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. योगी सरकार ऐसा करने वालों को नहीं छोड़ेगी.  उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपराध करने वालों को मिट्टी में मिलाकर ही दम लेगी. आरोपी की अवैध संपत्तियों की जांच की जा रही है. उनपर भी बुलडोजर चलेगा. 

तो वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस मामलें में भाजपा पर राजनीति करने का  आरोप लगाया. उन्होंने  अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि  बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए. बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है. माननीय न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं. बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए. और सपा मुखिया ने इस मामले में सरकार से डीएनए जांच की मांग की .

 अखिलेश ने लिखा है कि जो भी दोषी हो उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए जांच के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए. यही न्याय की मांग है.

 अखिलेश के डीएनए के मांग पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित, लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का डीएनए टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए. अखिलेश पर पलटवार करते हुए मायावती ने पूछा  कि  सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं. साथ ही बसपा सुप्रीमों ने प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सुबे के मुख्यमंत्री  योगी  आदित्यानाथ को सवालों के कटघरें में खड़ा किया है. बसपा सुप्रीमों ने कहा कि  यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिन्ताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं अति-दुखद व चिन्तित करने वाली है. 

रिपोर्ट- रितिक कुमार

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