DESK. सियासतदानों की सियासत बुधवार को भी संसद में जारी रही. संसद के दोनों सदनों में सत्ता और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक जारी रहने से संसद में एक बार फिर से हंगामा देखने को मिला है. बुधवार की सुबह कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद लोकसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि विपक्षी सांसदों ने सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के "दुरुपयोग" के खिलाफ नारे लगाए.
इससे पहले, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर और के सुरेश ने लोकसभा में स्थगन नोटिस प्रस्तुत किया. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नेशनल हेराल्ड के कार्यालयों में हाल की गई तलाशी पर चर्चा की मांग की थी. नेशनल हेराल्ड कार्यालयों में ईडी के छापे के आलोक में, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में एक स्थगन नोटिस प्रस्तुत किया, जिसमें सरकार द्वारा विपक्षी दलों को "दबाने" के लिए केंद्रीय एजेंसियों के "दुरुपयोग" पर चर्चा की मांग की गई थी. केरल से कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने 'सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के शस्त्रीकरण' पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में व्यावसायिक नोटिस स्थगित कर दिया.
इस दौरान कांग्रेस सांसद की ओर से कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली में नेशनल हेराल्ड कार्यालय में की गई छापेमारी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा नकली और झूठे आरोपों लगाकर कराई जा रही कार्रवाई है. यह विपक्षी आवाजों को कुचलने के प्रयास में केंद्र द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिशोधपूर्ण राजनीतिकरण का एक और उदाहरण है.
वहीं राज्यसभा में भी सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही है. हालांकि उच्च सदन में सुबह के समय विभिन्न सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल में कुछ सवाल सरकार से पूछे गए हैं. राज्यसभा की कार्यवाही हंगामेदार लेकिन गतिरोध के बीच भी चल रही है.