Prashant Kishor : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बुधवार को सियासी पारी शुरू कर रहे हैं. बिहार में अपने किस्म के वे पहले राजनीतिक दल का गठन कर रहे हैं जिसका अब से पहले तक कोई राजनीतिक वजूद नहीं रहा. हालांकि पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर के नए दल से कई नामी-गिरामी चेहरे भी जुड़ रहे हैं. इसमें राजनीति के पुराने धुरंधरों से लेकर पूर्व नौकरशाह, खिलाडी, राजनीतिक हस्ती और खेल जगह से जुड़े लोग शामिल हैं. इन चेहरों के अलावा पीके के नए दल से सैंकड़ों ऐसे चेहरे जुड़ रहे हैं जो पिछले कुछ वर्षों से समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं. या फिर जिनकी सामाजिक गतिविधियाँ रही हैं.
पीके के जनसुराज का बैनर थामने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव प्रमुख नाम हैं. वहीं ललन यादव भी पूर्व नौकरशाह हैं. ललन यादव सेवानिवृत्त आईएएस हैं जिन्होंने नवादा और कटिहार जिलों के डीएम के रूप में कार्य किया और सहरसा जिले के पूर्व आयुक्त रह चुके हैं. इन दो यादव चेहरों के साथ ही महेंद्र मेहता कोइरी समुदाय से आने वाले सेवानिवृत्त आईआरटीएस अधिकारी हैं। वे प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए और उन्हें रेलवे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले महाप्रबंधक के रूप में सम्मानित किया गया।
पीके का जनसुराज एक प्रमुख मुस्लिम चेहरे को भी मंच पर जगह देगा. बिहार विधान परिषद के सदस्य अफाक अहमद भी अब जनसुराजी हो जाएंगे. वहीं एक महिला चेहरे के रूप में मालविका राज का नाम अहम है. मालविका राज को सितंबर 2015 में एक समूह अभियान पाथफाइंडर द्वारा स्वच्छ हिमालय मिशन (लद्दाख) के लिए चुना गया था.
असम कैडर के आईपीएस अधिकारी और इस बार के लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट से किस्मत आजमाने वाले आनंद मिश्रा पहले ही पीके के साथ कई मंच पर दिख चुके हैं. ऐसे में पीके भले ही महात्मा गांधी की जयंती पर अपने दल की शुरुआत कर रहे हों लेकिन उनका काफिला पहले से काफी बड़ा हो चुका है. ऐसे ही कई नामी गिरामी चेहरों को साथ लेकर अब पीके का जनसुराज बिहार में नए इतिहास को लिखने के लिए तैयार है.