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जदयू में एंट्री होने की चर्चा के बीच प्रशांत किशोर बोले- 'तेरी सहायता से जय तो मैं पाऊंगा, लेकिन मानवता को क्या मुख दिखाऊंगा?'

जदयू में एंट्री होने की चर्चा के बीच प्रशांत किशोर बोले- 'तेरी सहायता से जय तो मैं पाऊंगा, लेकिन मानवता को क्या मुख दिखाऊंगा?'

पटना. प्रशांत किशोर की सीएम नीतीश से मुलाकात के बीद यह कयास लगया जा रहा है कि प्रशांत की जदयू में एंट्री हो सकती है। कल ही सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि उनके प्रशांत किशोर से पुराने संबंध है। प्रशांत ने इच्छा जताई थी तो सीएम ने उन्हें बुलाया था। अब इस पर प्रशांत किशोर ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने ट्विटर पर राष्ट्रकवि दिनकर की एक पंक्ति शेयर की है, जिससे सियासी सरगर्मी एक बार फिर तेज हो गयी है।

प्रशांत किशोर ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्ति को ट्विटर पर शेयर किया, ' तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा?' अब उनके इस ट्वीट से सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चा है। कुछ लोग उनकी जदयू में एंट्री होने की बात कह रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि वे आने वाले भविष्य को लेकर सतर्क है।

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू में नया राजनीतिक बदलाव हो रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर की जदयू में एंट्री हो सकती है। हालांकि इसका आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन मंगलवार को प्रंशात किशोर से सीएम नीतीश की मुलाकात हुई थी। इस पर मीडिया ने बुधवार को सीएम नीतीश से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उनसे पुराना संबंध है। उनसे मुलाकात हुई थी।

मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि प्रशांत किशोर से मेरे अच्छे संबंध है। उनसे पुराना संबंध है। उन्होंने मुलाकात के लिए इच्छा जताई तो मैंने प्रशांत जी को बुलाया था। वहीं इस दौरान सीएम नीतीश ने कोई भी पॉलिटिकल डेवलपमेंट की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी उनसे ऐसी कोई बात नहीं हुई है। प्रशांत जी से ही पूछ लीजिए।

दरअसल, इससे पहले सीएम नीतीश से जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा की भी मुलाकात हुई थी। तब से सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि प्रशांत किशोर जदयू में शामिल हो सकते हैं और इसमें भूमिका पवन बर्मा निभा रहे हैं। हालांकि पवन बर्मा ने इन बातों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि निजी तौर पर सीएम नीतीश से मुलाकात हुई है।

बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जदयू में रहे चुके हैं। सीएए और एनआरसी पर पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने के दौरान जदयू ने प्रशांत और पवन दोनों को पार्टी से बाहर कर दिया था। उस दौरान प्रशांत किशोर जदयू के उपाध्यक्ष थे और पवन बर्मा राज्यसभा सांसद। इसके बाद पवन बर्मा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मतता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गये थे।

वहीं प्रशांत किशोर की चर्चा कांग्रेस में शामिल होने की होने लगी। लेकिन आखिर में प्रशांति किशोर कांग्रेस में शामिल नहीं हुए और बिहार आकर जन सुराज में जुट गये हैं। तब से प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज अभियान के तहत पूरे बिहार के जिलों का दौरा कर रहे हैं। कई जिलों में सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहारी की बदहाली के लिए सीएम नीतीश को भी जिम्मेदारी माना है।


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